रांची : पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बार फिर पत्र लिखा है.
Highlights
उन्होंने पत्र के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को पद से हटाने की मांग की.
और उनपर आपराधिक मुकदमा चलाने की बात कही.
सरयू राय ने कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता ने जिन 60 लोगों को कोविड प्रोत्साहन लेने का आदेश दिया था,
उनमें से 54 के बैंक खाता में डोरंडा ट्रेजरी से भुगतान हो गया है.
मंत्री ने अपना सहित जो विपत्र प्रोजेक्ट बिल्डिंग ट्रेजरी में भेजा वह लैप्स हो गया.
मुख्यमंत्री को लिखित निम्नांकित पत्र के साथ मंत्री बन्ना गुप्ता का विपत्र संलग्न किया है.
1. अपने पद का दुरूपयोग किया है.
2. निहित स्वार्थ में कोविड प्रोत्साहन राशि की पात्रता संबंधी विभागीय संकल्प की ग़लत व्याख्या किया है.
3. अपने एवं अपने कोषांग के अपात्र स्वास्थ्य कर्मियों के लिये
कोविड प्रोत्साहन राशि लेने के लिये विभागीय संचिका पर जानबूझकर ग़लत आदेश किया है.
4. अपने एवं अपने कोषांग के अन्य अपात्र स्वास्थ्य कर्मियों के बैंक खाता में
प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने के लिये डोरंडा ट्रेजरी (कोषागार) एवं
प्रोजेक्ट बिल्डिंग ट्रेजरी (कोषागार) में स्वास्थ्य विभाग से 60 विपत्र (बिल) भेजवाया है.
5. मंत्री के आदेश से डोरंडा ट्रेजरी में भेजे गये 54 विपत्रों का भुगतान हो चुका है.
प्रोत्साहन राशि सभी संबंधित कर्मियों के बैंक खाता में जा चुकी है.
6. प्रोजेक्ट बिल्डिंग ट्रेजरी में भेजे गये 6 विपत्र लैप्स हो गये.
लैप्स हुए 6 विपत्रों में से एक विपत्र माननीय मंत्री के खुद का है. 2 विपत्र मंत्री के दो आप्त सचिवों के हैं,
2 विपत्र मंत्री के दो निजी सहायकों के हैं और एक विपत्र मंत्री कोषांग के एक चर्या लिपिक का है.
सुलभ संदर्भ हेतु माननीय मंत्री के विपत्र की प्रति संलग्न है.
7. मंत्री द्वारा की गई वित्तीय अनियमितता का भंडाफोड़ हो जाने के बाद 14 अप्रैल और 15 अप्रैल, 2022 को
अवकाश के दिन स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय खुलवाया, कागजातों में हेराफेरी किया
और अपने भ्रष्ट आचरण के सबूत मिटाने की कोशिश की.
8. अपना विपत्र लैप्स होने की जानकारी मिल जाने के बाद मंत्री ने अवकाश के दिन 15 अप्रैल 2022 को कार्यालय खुलवाकर विभागीय संयुक्त सचिव, मनोज कुमार सिन्हा से एक कार्यालय आदेश निकलवाया. जिन 54 कर्मियों के बैंक खाता में कोविड प्रोत्साहन की राशि मंत्री के आदेश से चली गई थी, मंत्री ने अपना वह आदेश नैतिकता का हवाला देकर रद्द कराया. यह आदेश वस्तुतः मंत्री के भ्रष्ट आचरण का प्रमाण है.
9. इस आदेश का स्वाभाविक प्रतिफल यह होगा कि डोरंडा ट्रेजरी से जिन 54 अन्य कर्मियों के प्रोत्साहन राशि भुगतान के विपत्र स्वीकृत हो गये और राशि उनके बैंक खाते में चली गई उन्हें वह राशि वापस करनी होगी. यानी मंत्री स्वयं नहीं खा सके तो उनके आदेशानुसार जिन्होंने खाकर डकार लिया उन्हें भी खाया हुआ उगलने का निर्देश मंत्री द्वारा दे दिया गया.
10. मंत्री एवं मंत्री कोषांग में पदस्थापित आप्त सचिव, निजी सहायक, चर्या लिपिक आदि के वेतन, भत्ता आदि का भुगतान प्रोजेक्ट भवन कोषागार से होता है. जो कर्मी मंत्री कोषांग से संबद्ध नहीं हैं, उनका भुगतान डोरंडा कोषागार से होता है.
इसीलिए स्वास्थ्य विभाग ने मंत्री और उनके कोषांग में कार्यरत 6 कर्मियों का कोविड प्रोत्साहन राशि विपत्र प्रोजेक्ट भवन ट्रेजरी में भेजा और अन्य 54 कर्मियों का विपत्र नेपाल हाउस, डोरण्डा ट्रेजरी में भेजा, जबकि मंत्री ने सभी को मंत्री कोषांग का कर्मी बताकर कोविड प्रोत्साहन राशि देने का आदेश किया था. यह आदेश भी मंत्री द्वारा बरती गई वित्तीय अनियमितता और भ्रष्ट आचरण का एक अतिरिक्त प्रमाण है.
सरयू राय : बन्ना गुप्ता पर भ्रष्टाचार का आरोप
उपर्युक्त विवरण के आलोक में आपकी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का भ्रष्ट आचरण प्रमाणित हो गया है. उन्होंने जानबूझकर ऐसे कर्मियों को मंत्री कोषांग का कर्मी बताया है जो वस्तुतः मंत्री कोषांग के कर्मी हैं ही नहीं. उन्होंने स्वयं भी अपना नाम कोषांग के कर्मियों में शामिल कराकर कोविड प्रोत्साहन राशि लेने का षड्यंत्र किया और अपना भुगतान विपत्र प्रोजेक्ट भवन ट्रेजरी में भिजवाया, जबकि वे इसके पात्र नहीं है. उन्होंने अवकाश के दिन विभागीय कार्यालय खुलवाकर काग़ज़ातों के साथ छेड़छाड़ किया है.
रिपोर्ट: मदन सिंह