Ranchi : झारखंड के शिक्षा मंत्री दिवंगत रामदास सोरेन (Ramdas Soren) के बेटे सोमेश सोरेन पिता के निधन के बाद भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि अब उन पर दोहरी जिम्मेदारी आ गई है। एक तरफ परिवार को संभालना और दूसरी तरफ पार्टी व कार्यकर्ताओं की देखभाल करना।
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Ramdas Soren : पिता की सादगी और सहजता ही उनकी पहचान थी
सोमेश ने कहा, “ये समय बहुत कुछ सिखा देता है। पिताजी हमेशा हमें प्रेरणा देते थे कि चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, जनता के साथ डटे रहना है। वे कभी भी किसी काम को अधूरा नहीं छोड़ते थे और कार्यकर्ताओं को हमेशा साथ लेकर चलते थे।”
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उन्होंने यह भी बताया कि पिता की सादगी और सहजता ही उनकी पहचान थी। मंत्री बनने के बाद भी लोग उनके घर आसानी से पहुंच पाते थे और किसी भी काम के लिए सीधे संपर्क कर सकते थे। “लोग कहते हैं कि पिताजी बहुत सीधे और सरल स्वभाव के थे। उनके घर पर हमेशा लोगों का तांता लगा रहता था। उनका यह गुण हमें भी प्रेरित करता रहेगा,” सोमेश ने कहा।
Ramdas Soren जैसी शख्सियतों की भरपाई कभी नहीं हो पाती
पार्टी और क्षेत्रीय राजनीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गुरुजी (शिबू सोरेन) के बाद पार्टी को दूसरा बड़ा नेतृत्व मिला था, लेकिन अब पिताजी के जाने से एक और बड़ी कमी हो गई है। “ऐसी शख्सियतों की भरपाई कभी नहीं हो पाती। हम सिर्फ यही उम्मीद करते हैं कि हमें इतनी शक्ति मिले कि हम इस कठिन घड़ी से उबर सकें और उनके अधूरे कामों को आगे बढ़ा सकें।”
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सोमेश ने बताया कि आज जमशेदपुर से पार्थिव शरीर को पहले घाटशिला ले जाया जाएगा, जहां कार्यकर्ता और पार्टीजन अंतिम दर्शन करेंगे। इसके बाद शव को बड़ाबांदा जंक्शन स्थित आवास लाया जाएगा। यहां पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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