डिजीटल डेस्क : Gujarat के मंदिर में है Lord शनि देव की स्त्री रूप वाली प्रतिमा। पूरी दुनिया में हिंदू धर्मावलंबियों में Lord शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है और हिंदू धर्म में उन्हें सबसे गुस्सैल भी माना जाता है।
वैसे तो Lord शनि देव के देशभर में कई सारे मंदिर हैं लेकिन उनका एक मंदिर ऐसा भी है जहां पर वे स्त्री रूप में विराजते हैं। यह मंदिर गुजरात में एक हनुमान भगवान मंदिर में है जहां Lord शनि देव स्त्री रूप में भगवान के चरणों में विराजमान हैं।
Gujarat के भावनगर के पास सारंगपुर में है यह मंदिर
ये दुर्लभ मंदिर Gujarat के भावनगर के पास सारंगपुर में है। इस मंदिर का नाम कष्टभंजन हनुमान मंदिर है। यह मंदिर अपनी भव्यता और पौराणिक गाथाओं की वजह से मशहूर है। इस मंदिर में हनुमान भगवान सोने के सिंहासन पर बैठे हुए नजर आते हैं। इसके अलावा वहां पर उनके चरणों में नीचे शनि देव नजर आते हैं।
ऐसा दुर्लभ दृश्य दुनिया में और कहीं पर भी देखने को नहीं मिलता। इसलिए इस मंदिर की बहुत विशेषता है। इस जगह पर हनुमान भगवान को महाराजाधिराज के नाम से भी जाना जाता है और उनकी मूर्ति के पास ही यहां पर वानर सेना को भी देखा जा सकता है। इसके अलावा शनि देव हनुमान जी के चरणों पर स्त्री रूप में बैठे भी नजर आते हैं।
Lord शनि देव के इस दुर्लभ मंदिर के संबंध में है रोचक पौराणिक कथा…
माना जाता है कि अगर Lord शनि देव की दृष्टि किसी पर पड़ गई तो उसका पूरा जीवन ही समस्याओं से घिर जाता है लेकिन सच्चे मन से शनि देव की पूजा करने पर इसका फल भी मिलता है और शनि दोष दूर हो जाते हैं। एक समय ऐसा भी था जब लोगों पर Lord शनि देव का प्रकोप काफी बढ़ गया था। उनके गुस्से का सामना करना मुश्किल हो गया था।
ऐसे में उस समय भक्तों ने हनुमान जी से विनती की और मदद की गुहार लगाई। उनकी विनती सुनकर भगवान ने भी ठान लिया कि वे इसके लिए Lord शनि देव को दंड देंगे। जैसे ही ये बात शनि देव को पता चली वे भयभीत हो गए और उन्होंने हनुमान के प्रकोप से खुद को बचाने के लिए स्त्री रूप धारण कर लिया।
दरअसल हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और वे कभी भी किसी महिला पर हाथ नहीं उठाते हैं। ऐसे में जब हनुमान जी आए तो Lord शनि देव स्त्री रूप धारण कर के हनुमान जी के चरणों में जाकर बैठ गए। ऐसा करने पर हनुमान जी ने Lord शनि देव को क्षमा कर दिया।
हनुमान जी से क्षमा पाने के बाद Lord शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया कि उनके भक्तों पर शनि दोष का असर नहीं होगा। इसके बाद से ही इस जगह पर हनुमान जी के साथ ही शनि देव की भी पूजा की जाती है। ऐसा करने से शनि दोष भी कटता है और इंसान के जीवन की बाधाएं भी कम होती हैं।