कटिहार : कटिहार जिले के सुदूरवर्ती इलाके सुधानी मध्य विद्यालय ने बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने का ऐसा अनोखा तरीका निकाला है, जो अब चर्चा का विषय बन गया है। यहां क्लासरूम की दीवारों को ट्रेन की बोगियों की तरह पेंट कर दिया गया है। नतीजा ये हुआ कि बच्चे अब स्कूल आने से कतरा नहीं रहे, बल्कि पूरे उत्साह के साथ पढ़ाई में शामिल हो रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों में बच्चों को स्कूल लाना हमेशा से बड़ी चुनौती रहा है – शिक्षक
शिक्षकों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में बच्चों को स्कूल लाना हमेशा से बड़ी चुनौती रहा है। कई बार बच्चे पढ़ाई के बजाय खेतों या घर के कामों में लग जाते थे। लेकिन जैसे ही क्लासरूम को ट्रेन का रूप दिया गया, माहौल पूरी तरह बदल गया। बच्चे खुद कहते हैं कि अब वे किताबों के बीच नहीं, बल्कि ट्रेन की बोगी में बैठकर पढ़ते हैं। यही वजह है कि छुट्टी के दिन भी उन्हें स्कूल की कमी खलती है। इस पहल से न सिर्फ बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है, बल्कि उनकी पढ़ाई के प्रति रुचि भी दोगुनी हो गई है। शिक्षक बताते हैं कि पहले जहां क्लास खाली रहती थी।
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अब रोजाना छात्र समय से पहुंचते हैं और पढ़ाई का मजा लेते हैं
वहीं अब रोजाना छात्र समय से पहुंचते हैं और पढ़ाई का मजा लेते हैं। ग्रामीण इलाकों में यह प्रयोग शिक्षा को नई दिशा देने वाला साबित हो रहा है। सुधानी मध्य विद्यालय की ये अनोखी कोशिश दिखाती है कि अगर पढ़ाई को खेल और कल्पना से जोड़ा जाए तो बच्चे खुद ही शिक्षा की ओर आकर्षित होते हैं। यह मॉडल बाकी स्कूलों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। कटिहार की ये ‘क्लासरूम ट्रेन’ अब बच्चों के दिलों की असली सवारी बन चुकी है।
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रतन कुमार की रिपोर्ट
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