कोलकाता/रांची: न्यूक्लियस मॉल के मालिक और झारखंड के बहुचर्चित व्यवसायी विष्णु अग्रवाल का पारिवारिक विवाद अब कोलकाता हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस विवाद के केंद्र में विष्णु अग्रवाल और उनके भाई नरेश कुमार अग्रवाल के बीच संपत्ति एवं कंपनियों से जुड़े अधिकारों को लेकर मतभेद है।
नरेश कुमार अग्रवाल (पिता: चिरंजी लाल अग्रवाल, निवासी: झालदा, पुरुलिया) ने अलीपुर सिविल कोर्ट में पारिवारिक समझौते को लागू करने के लिए सिविल मुकदमा (टीएस 722, वर्ष 2023) दायर किया था, लेकिन कोर्ट ने अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया। इसके बाद नरेश अग्रवाल ने कोलकाता हाईकोर्ट में अपील दायर की (FMA No. 689 of 2023)।
नरेश कुमार अग्रवाल के अधिवक्ता सुजीत बनर्जी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि हाईकोर्ट ने 13 सितंबर 2023 को पारित अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि विष्णु कुमार अग्रवाल और उनसे संबंधित सभी कंपनियाँ अपनी संपत्तियों एवं देनदारियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं करेंगी।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था विष्णु अग्रवाल अथवा उनकी कंपनियों की संपत्तियों से जुड़ा कोई सौदा या समझौता करता है, तो वह उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसा कोई भी सौदा या दस्तावेज़ गैरकानूनी होगा और अवमानना (Contempt of Court) की श्रेणी में आएगा।
आदेश को अब सार्वजनिक करने की वजह:
इस आदेश को अब सार्वजनिक करने की वजह पूछे जाने पर अधिवक्ता सुजीत बनर्जी ने बताया कि हाल के दिनों में कुछ आशंकाएं उत्पन्न हुई हैं कि उक्त कंपनियों से जुड़ी संपत्तियों को लेकर कोई संभावित सौदा हो सकता है। इसी आशंका के चलते उन्होंने न्यायालय के पुराने आदेश की जानकारी को एक बार फिर सार्वजनिक करना आवश्यक समझा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह आदेश पहले भी पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक किया जा चुका है, लेकिन अब इसकी पुनः पुष्टि की जा रही है ताकि किसी भी संभावित अवमानना की स्थिति को रोका जा सके।