डिजीटल डेस्क : Yogi Effect – यूपी में सामने आने लगी सच्चाई – 25 साल पुराना संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय अब हुआ सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय। यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नए फैसले के सामने आते ही खानपान के दुकानों के बारे में सामने आ रही सच्चाई चौंकाने वाली है। सीएम योगी के आदेश का जमीनी स्तर पर पालन होना शुरू होते ही यह चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। एक जीवंत बानगी दिल्ली-देहरादून हाइवे पर देखने को मिला है। यहां पिछले 25 सालों से संचालित संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय सीएम योगी का फैसला आते ही नए आदेश के आलोक में इस ढाबे का नाम बदल गया है। अब इसका नाम सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय कर दिया गया है।
दिल्ली-देहरादून हाइवे पर संगम ढाबे का सलीम के नाम से हुआ रजिस्ट्रेशन
दिल्ली-देहरादून हाइवे पर संगम के नाम से अब तक ढाबा चलाने वाले सलीम ने खाद्य सुरक्षा विभाग में अब अपने असली नाम से ढाबे का रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। इसी के साथ पिछले 25 सालों से संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय के नाम से संचालित अपने ढाबे का संचालक ने नए आदेश के बाद सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय कर दिया है। सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय के मालिक सलीम का कहना है कि अपना नाम और पहचान उजागर करने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उनके ढाबे पर बाहर का बोर्ड बदल दिया गया है। हालांकि अंदर अभी भी संगम शुद्ध भोजनालय लिखा हुआ है। इस बारे में सलीम का कहना है कि भीतरी दीवारों पर अभी रंगाई-पुताई की जानी है और इसके बाद नया नाम लिखवा दिया जाएगा।
कांवड़ यात्रा के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह है आदेश
मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों पर संचालकों-मालिकों का नाम और पहचान बतानी होगी। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िए खानपान के मामले में काफी परहेज करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया है। सरकारी आदेश में ये भी कहा गया है कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी. आदेश में कहा गया है कि सभी दुकानों, ठेलों पर अपना नाम लिखें जिससे कांवड़ यात्री ये जान सकें कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं।

22 जुलाई से शुरू इस साल शुरू हो रही कांवड़ यात्रा
इस साल 22 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कहा है कि यात्रा मार्ग पर दुकानों के संचालक या मालिक को अपनी पहचान लिखनी होगी। ये अनिवार्य है। इसी दिशा में कई दुकान मालिकों और ढाबा चलाने वालों को ये काम करना पड़ रहा है। कांवड़ यात्रियों की आस्था को बनाए रखने के लिए सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश में बीते कई दिनों से कांवड़ यात्रा के रूट पर मौजूद दुकानों के नामों को लेकर बड़ा विवाद छिड़ा है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बड़े आदेश के बाद से रूट पर मौजूद दुकानों और ढाबों के नाम बदलने का काम शुरू हो गया है। सीएम के नए आदेश के मुताबिक, अब दुकानदारों को अपने नाम का बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसी बीच कई दुकानदार ऐसे हैं जो काफी सालों से इन रास्तों पर ढाबों या दुकानों का संचालन कर रहे हैं, अब वह भी अपनी दुकानों और ढाबों का नाम बदल रहे हैं।

योगी पर ओवैसी का पलटवार – रमजान में शराब की दुकानें बंद होंगी ?
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानों-ढाबों और ठेलों के सामने नाम लिखने के सरकार के फैसले पर सियासत तेज हो गई है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर पलटवार किया है और उनके आदेश को संविधान का उल्लंघन बताया है। सांसद ओवैसी ने कहा कि अगर यही स्थिति है तो देश में हर साल अलग-अलग धर्मों के कई त्योहार पड़ते हैं तो क्या ये सरकार रमजान के महीने में शराब की दुकानों को बंद कर देगी? आज ये मुसलमानों को ऐसा बोल रहे हैं तो कल कहेंगे कि दलित खाना नहीं बना पाएगा और फिर कहेंगे कि ढाबों पर प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं होने चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कल रमजान शुरू होगा तो फिर 30 दिन के लिए शराब की दुकानें बंद कर दीजिए, आखिर हमारी भी तो आस्था है। यूपी में इस समय डर की राजनीति हो रही है और ढाबे के मालिक आदेश को मान रहे हैं क्योंकि आदेश नहीं मानेंगे तो बुलडोजर आ जाएगा। हकीकत ये है कि भाजपा इस देश को हिंदुत्व के रंग में रंगने की कोशिश कर रही है और मुसलमान को टारगेट करके देश को डराया जा रहा है एवं हमारे भारत की खूबसूरती को बदला जा रहा है।