मास्को : रूसी सेना के कैंप में 15 अक्टूबर को फायरिंग (Shooting) की घटना हुई है.
ताबड़तोड़ गोलीबारी की घटना में कम से कम 13 लोगों के मारे जाने की खबर है.
जानकारी के मुताबिक रूस के मिलिट्री इलाके में दो हमलावर घुस गए और फिर अचानक फायरिंग करने लगे.
ये घटना पश्चिमी रूस में सैन्य स्थल (Military Site) के पास हुई है.
गोलीबारी की इस घटना में 15 लोग जख्मी भी बताए जा रहे हैं.
अधिकारियों का कहना है कि पश्चिमी रूस (Western Russia) में
एक सैन्य प्रशिक्षण स्थल (Military Training Site) पर दो बंदूकधारियों ने गोलियां चलाईं,
जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई.
रूसी सेना के कैंप: रूस के मिलिट्री इलाके में फायरिंग
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बंदूकधारियों ने उन सेवा सदस्यों को निशाना बनाया जो यूक्रेन में लड़ने के लिए तैयार थे.
यह घटना शनिवार रात की है. बेलगोरोद से लगभग 105 किलोमीटर पूर्व में
यूक्रेन की सीमा के पास सोलोटी में एक प्रशिक्षण साइट पर गोलीबारी की सूचना मिली थी.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दो आतंकवादियों ने छोटे हथियारों से गोलियां चलाईं.
रूस ने कहा कि एक पूर्व सोवियत राज्य के दो बंदूकधारियों ने एक सैन्य प्रशिक्षण ग्राउंड पर हमला किया.
रूसी सेना के कैंप: दोनों हमलावर हुए ढेर
रूस के रक्षा मंत्रालय (Russia Defense Ministry) ने कहा है कि हमलावरों ने यूक्रेन (Ukraine) में स्वेच्छा से लड़ने वाले लोगों को निशाना बनाया. नतीजतन कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और 15 लोग जख्मी हुए हैं. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दोनों हमलावर भी मारे गए. रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वे एक सीआईएस देश के नागरिक थे. सीआईएस देशों में रूस, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, बेलारूस और कई अन्य शामिल हैं. बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच करीब 8 महीने से जंग जारी है.
रिजर्व सैनिकों की भर्ती से नाराजगी
दरअसल, यूक्रेन के साथ जंग लड़ रहे रूस में आम नागरिकों को भी सेना में भर्ती करने का फैसला लिया गया था. हाल ही में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 3 लाख रिजर्व सैनिकों को जंग में भेजने का ऐलान किया था. तब यूक्रेन के 4 इलाकों को रूस में मिलाने की योजना थी. जो अब पूरी हो चुकी है. पुतिन ने तर्क दिया था कि कि रूसी कब्जे वाले इलाकों में लोगों की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए रिजर्व सैनिकों को जुटाना जरूरी है.
विदेश भागने की कोशिश में नागरिक!
पुतिन के रिजर्व सैनिकों की भर्ती के फैसले का रूस में जमकर विरोध हुआ था. एक तरफ सीमा से सटे कई इलाकों के लोग विदेशों में जाने लगे थे तो वहीं कई लोग गूगल पर अपने हाथ तोड़ने के आसान तरीके ढूंढने लगे थे.
फैसले का हुआ था जबरदस्त विरोध
पुतिन के फैसले का इतना विरोध हुआ था कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शन कर रहे हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था. ओवीडी-इन्फो मॉनिटरिंग ग्रुप के मुताबिक, 38 विभिन्न शहरों से 1,332 लोगों को हिरासत में लिया गया था.