रांची: राज्य के नगर निकायों में नक्शे स्वीकृति में पैसों के खेल मामले में कोर्ट के स्वत: संज्ञान की झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई गुरुवार को हुई.
कोर्ट ने रांची नगर निगम में नक्शा स्वीकृति पर लगी रोक हटा ली है. कोर्ट ने रांची नगर निगम में नक्शा स्वीकृति पर रोक हटाते हुए राज्य सरकार को कई आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए हैं. जिसके तहत भवनों के नक्शा की स्वीकृति की प्रक्रिया 30 दिनों के भीतर पूरी हो जानी है.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया की नक्शा स्वीकृति की कार्यप्रणाली में बदलाव लाया गया है. नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया को लोगों की परेशानी को देखते हुए शिथिल किया गया है.
नक्शा स्वीकृति के लिए कई चरण में काम होगा. नक्शा स्वीकृति के लिए सबसे पहले ऑनलाइन तरीके से मैप की जांच होगी. हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की.
कोर्ट ने गिफ्ट डीड से संबंधित लाल चिंतामणि नाथ शहदेव एवं राधिका शहदेव की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई के लिए 30 जून की तिथि निर्धारित की है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा एवं ज्ञानरंजन नाथ शाहदेव ने पैरवी की. वही रांची नगर निगम की ओर से प्रशांत कुमार सिंह एवं एलसीएन सहदेव ने पैरवी की. बता दें कि इससे संबंधित खबर रांची के स्थानीय समाचार पत्र में छपी थी, जिस पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस मामले को एलपीए 132 / 2012 के साथ टैग करने का निर्देश दिया था. उल्लेखनीय है कि 20-30 रुपए प्रति वर्ग फीट चढ़ावा, तब पास होता है नक्शा शीर्षक से यह खबर छपी हुई है.
इसमें कहा गया है की राज्य के नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के लिए अधिकतम शुल्क 8 रुपया प्रति वर्ग फीट है लेकिन निकायों में तय शुल्क के अलावा 30 रुपए प्रति वर्ग फीट तक चढ़ावा देकर नक्शा की स्वीकृति प्राप्त किया जाता है. नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के हर चरण पर चढ़ावे की रकम फिक्स कर दी गई है.