रांचीः सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो कोर्ट में सरेंडर करेंगे. इस संबंध में अमित महतो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 2006 के सोनाहातू सीओ मामले और 2022 में विधानसभा घेराव मामले में सरेंडर करेंगे. अमित महतो ने कहा कि 2006 के मामले में साजिश के तहत फंसाया गया. जिस वजह से 23.03.2018 मेरी विधायकी चली गई. 03.08.2022 को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम था. इसे लेकर सरकार की तरफ से मुकदमा किया गया. इस मामले में जमानत नहीं मिली. अमित महतो गलत का विरोध करता रहूंगा चाहे कितनी बार भी जेल जाना पड़े. सरकार को मुझ से डर लगता है. इस वजह से जेल भेजा जा रहा है.
अमित महतो ने बताया कि सोनाहातू सीओ मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने निचली अदालत से मिली 2 साल की सजा को सुनवाई के बाद 1 साल कर दिया है. उन्होंने बताया कि सोनाहातू सीओ मामले में निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी. उसी सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर बेंगरा की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने निचली अदालत के 2 साल की सजा को 1 वर्ष की सजा में बदल दी है.
बांटी गई नियुक्तियों में सरकार का कोई रोल नहींः
अमित महतो ने कहा कि हाल में बांटी गई नियुक्तियों में सरकार का कोई रोल नहीं है. ये सरकार की नीति नहीं है लेकिन सरकार इसे अपनी उपलब्धि बताती है. सरकार की नीति में 40% लोग बाहर के आएंगे. सरकार ने अभी तक झारखंड के लोगों को परिभाषित नहीं किया है तो 60% किसे नौकरी देंगें. झारखंड को झारखंड के लोग बेहतर तरीके से चला सकते हैं बाहर के लोग नहीं. सीएनटी, एसपीटी एक्ट होने के बाद भी जमीन की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है. स्थानीयता को लेकर सरकार गंभीर नहीं. पूर्व वर्ती रघुवर की सरकार के पद चिन्हों पर चल रहे हैं हेमंत सरकार.
सरकार सत्ता में मगरूर हैः
अमित महतो ने कहा कि सरकार सत्ता में मगरूर है. हमने झारखंडी खतियानी पार्टी की तरफ से पूरे प्रदेश में मैराथन दौड़ किया गया. हमारी मांग है कि खतियान के आधार पर स्थानीय और नियोजन नीति बने. झारखंड गठन के बाद अब तक पूरा सम्मान नहीं मिला. झारखंड गठन खतियान धारी के लिए हुआ है.
उन्होंने कहा कि मैं किसी का विरोध नहीं करता हूं. सरकार ने भी खतियान के आधार पर स्थानीय और नियोजन नीति बनाने की बात कही थी.
रोजगार आज सबसे बड़ा मुद्दाः
अमित महतो ने कहा कि झारखंड संपन्न राज्य है लेकिन यहां के लोग पिछड़े हुए हैं. अपने लिए महंगी गाड़ियां खरीदना सरकार की प्राथमिकता है. गलत अधिकारियों को नियुक्त करना सरकार का काम रह गया है. ईडी हर दिन भ्रष्टाचार के खुलासे कर रहा है और बड़े अधिकारी जेल जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग के नाम पर खेल खेला जाता है. स्वास्थ्य विभाग में खेल खेला जा रहा है. ऊर्जा विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है. इस विभाग में एक इंजीनियर 03 पदों को संभाल रहे हैं. सरकार गलत नीतियां बना रही है. हर तरफ खतियान की आवाज उठ रही है.