रांची: खान विभाग के मंत्री हेमंत सोरेन, जो झारखंड के मुख्यमंत्री हैं, परिवार के सदस्यों के साथ माइनिंग लीज आवंटन के आरोपों में झारखंड हाइकोर्ट में जांच के लिए प्रस्तुत की गई जनहित याचिका की सुनवाई बुधवार को हुई। हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा के अध्यक्षतावाली खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई, हाइकोर्ट ने इस मामले में आदेश सुरक्षित रखा है।
आरटीआइ कार्यकर्ता और हाइकोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार महतो ने यह दावा किया कि मंत्री ने अपने और अपने परिवार के लिए माइनिंग लीज को अनैतनिक रूप से आवंटित किया है। हाइकोर्ट ने इस मामले में आदेश सुरक्षित रखा है और प्रार्थी को कहा है कि वह तीन दिनों के भीतर लिखित जवाब दे सकते हैं, जिसमें वह बता सकते हैं कि इस मामले में उनकी याचिका और पहले दायर किए गए मामले में कैसे भिन्नता है।
पहले सुनवाई के दौरान, महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री के रिश्तेदार शिव शंकर शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया है। प्रार्थी ने इस केस में आरोप लगाया है कि मंत्री ने संवैधानिक पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी और अपने परिवार के लिए माइनिंग लीज आवंटित किए हैं, जो सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।