पटना : बिहार प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद जनक राम ने आज एक बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि 2014 से 2024 के एनडीए के कार्यकाल को अमृतकाल के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सच्चाई यह है कि जब एक गरीब का बेटा जिसने गरीबी को जीया है, गरीबी में पला-बढ़ा है, जिसमें दृढ़ इच्छाशक्ति हो, जिसके शरीर का क्षण-क्षण और जीवन का पल-पल देश के विकास के काम करने में बीतता हो, जिसमें देश को दुनिया में सबसे आगे ले जाने का जूनून हो, वह जब देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचता है तो न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है बल्कि कमजोर, पीड़ित, शोषित वर्ग भी खुशहाल होता है।
पटना प्रदेश कार्यालय में आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य प्रवक्ता राम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने जो जीडीपी के आंकड़े को देकर गई थी, उसे भी यूपीए की सरकार संभाल कर नहीं रख सकी। उन्होंने कहा के यूपीए के दौर में भ्रष्टाचार की लंबी फेहरिस्त थी, उस समय 15 घोटाले सुर्खियों में थे। तब देश ने 2जी घोटाला देखा, अब देश में सबसे कम दरों के साथ 4जी के तहत आबादी का व्यापक कवरेज है और 2023 में दुनिया में 5जी का सबसे तेज़ रोल माउट है।
उन्होंने कहा कि किसी ने सोचा नहीं होगा कि शौचालय बनाने से, घर बनाने से भी देश का जीडीपी बढ़ सकता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व और स्पष्ट नीति ने शौचालय बनाकर, लोगों के लिए घर बनाकर, घर में बिजली, पानी, गैस कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड देकर भी देश की आर्थिक विकास दर में इजाफा कर दिखाया। यूपीए शासन में भारत में दोहरे अंक में मुद्रास्फीति थी, अब मुद्रास्फीति को 5 प्रतिशत से थोड़ा अधिक पर लाया गया है।
राम ने जोर देकर कहा कि यूपीए कार्यकाल में महंगाई तेजी से बढ़ी और महंगाई दर 8.2 प्रतिशत तक पहुंच गई, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी कुशल नीतियों के चलते महंगाई को घटाया और महंगाई दर 5.0 प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुंचाया। यही नहीं, यूपीए सरकार को विरासत में आठ फीसदी की जीडीपी वृद्धि मिली थी, लेकिन यूपीए सरकार उस स्थिति का भी लाभ उठाने में विफल रही थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कोरोना जैसी महामारी से लड़ाई लड़ने के बाद भी देश की जीडीपी को दोबारा 8.7 फीसदी पर लाकर खड़ा कर दिखाया।
उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि पिछड़ों की दुहाई देने वाली कांग्रेस ने 2004 से 2014 के बीच सामाजिक और ग्रामीण मंत्रालयों को आवंटित हुए बजट का 6.4 फीसदी पैसा तो खर्च ही नहीं किया था और इसके विपरीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समायोजित प्रयासों के तहत सामाजिक और ग्रामीण मंत्रालयों को आवंटित बजट में से 99 फीसदी से अधिक पैसा सामाजिक न्याय, ग्रामीण, गरीब, वंचित, शोषित और पीड़ितों के विकास एवं उत्थान के लिए खर्च किया। यूपीए और एनडीए सरकार की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए शासन में देश के गरीबों को जल के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था और मात्र 3.2 करोड़ लोगों तक ही पानी की पहुंच थी, जबकि आज 13 करोड़ से अधिक घरों में जल पहुंचाया गया।
इधर, प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खंडेलिया ने कहा कि कल वित्त मंत्री संसद में श्वेत पत्र जारी कर इसके माध्यम से गांधी परिवार और कांग्रेस को आईना दिखाया है। उन्होंने कहा कि इस पत्र के जरिए किस तरह महंगाई दर यूपीए के काल में 8.2 फीसदी तक पहुंची और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुशल नीतियों ने, प्रबंधन कौशल ने किस प्रकार महंगाई की दर को पांच प्रतिशत तक ले आए यह उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि इस दस वर्ष की यूपीए और एनडीए सरकार की तुलना में साफ है कि एनडीए की सरकार ने बिना भ्रष्टाचार के गरीबों, शोषितों, पीड़ितों के साथ सबके कल्याण के लिए काम किया है। इस प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया संयोजक दानिश इकबाल, प्रवक्ता कुंतल कृष्णन, मीडिया सह प्रभारी अमित प्रकाश बबलू और प्रेस पैनलिस्ट राकेश पोद्दार उपस्थित रहे।
कुमार गौतम की रिपोर्ट