Highlights
रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के दलित नेता बैद्यनाथ राम ने चंपई सोरेन सरकार को सीधे-सीधे चेतावनी देते हुए कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार से कुछ देर पहले उनका नाम हटाना उनका अपमान है वह इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे, और कुछ भी कदम उठाने के लिए वह इस परिस्थिति में स्वतंत्र है।
न्यूज़ 22 स्कोप से बात करते हुए बैद्यनाथ राम ने आगे कहा की उन्होंने सरकार से कभी भी मंत्री पद नहीं मांगा था.
यह निर्णय मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का था कि उन्हें मंत्री पद दिया जाए, बैद्यनाथ राम ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार से कुछ मिनट पहले उन्हें इस बात की जानकारी दी गई कि उन्हें विशेष परिस्थिति उत्पन्न होने के कारण कुछ समय के लिए ड्रॉप किया जा रहा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री के इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि नए मंत्रिमंडल में उनके अलावा भी कई और चेहरे थे उन्हें क्यों नहीं ड्रॉप किया गया, यह उन्हीं के साथ क्यों किया गया। जिस राज्य में इस प्रकार का कमजोर निर्णय लिया जा रहा हो उस राज्य का भगवान ही मालिक है।
अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में बैजनाथ राम किस प्रकार का निर्णय लेते हैं कुछ दिनों में झारखंड विधानसभा का बजट सत्र है सरकार किसी भी परिस्थिति में उस समय तक इस समस्या को बनाए रखना नहीं चाहती है, पार्टी की ओर से बैजनाथ राम को मनाने का प्रयास किया जा रहा है सूत्र बता रहे हैं की पार्टी लेवल पर बड़े नेता बैद्यनाथ राम के लगातार संपर्क में है।