Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- सिब्बल जी, मुख्तार को वापस नहीं ला सकते, पुरानी याचिका हुई संशोधित और नोटिस जारी

दिवगंत गैंगस्टर मुख्तार अंसारी

डिजीटल डेस्क : Supreme Courtसुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- सिब्बल जी, मुख्तार को वापस नहीं ला सकते, पुरानी याचिका हुई संशोधित और नोटिस जारी। सोमवार को गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की ओर से साल 2023 में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से अपनी याचिका में संशोधन पेश किया गया। उमर अंसारी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ कपिल सिब्बल ने इसी क्रम में कोर्ट का ध्यान आकृष्ट किया और कहा कि गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को जेल में जहर दिया गया था और उनके बेटे उमर अंसारी अपने पिता की मौत की जांच की मांग करना चाहते हैं। इसी पर सभी संबंधित पक्षों को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया। इस संबंधी याचिकाकर्ता वकील के तमाम तर्कों पर जस्टिस ने टिप्पणी की कि सिब्बल जी, मुख्तार को वापस नहीं ला सकते।

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल बोले – मुख्तार को जेल में जहर दिया गया

बता दें कि वर्ष 2023 में उमर अंसारी ने अपने पिता मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश जेल से स्थानांतरित करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी और उसमें कहा गया था कि मुख्तार की जान को खतरा है। अब संशोधित याचिका में सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को जेल में जहर दिया गया था। पुरानी याचिका में उन्होंने मांग की थी कि उनके पिता को जान का खतरा है इसलिए उन्हें यूपी जेल से ट्रांसफर कर दिया जाए। इस मामले की सुनवाई जस्टिस हृषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की बेंच कर रही है। बीते मार्च माह में जेल हिरासत के दौरान मुख्तार अंसारी की मृत्यु हो गई थी। उमर अंसारी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उस व्यक्ति को वापस जेल ले जाया गया और उसकी मृत्यु हो गई। जांच की जानी चाहिए क्योंकि अंदेशे के मुताबिक उसे वहां जहर दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट में मुख्तार केस की सुनवाई के मुख्य अंश की झलक

जस्टिस रॉय ने कहा कि सिब्बल का कहना है कि दोषी कैदी को जेल में अपेक्षित चिकित्सा उपचार से वंचित कर दिया गया और इसके कारण हिरासत में मौत हो गई। कोर्ट ने रिट याचिका में संशोधन करने की मांग पर नोटिस जारी करते हुए अदालत ने यह दलील दर्ज की कि यह केवल मौत नहीं थी, बल्कि जेल प्राधिकारी द्वारा की गई विशिष्ट कार्रवाई का परिणाम थी। इस पर अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दोहराया कि आरोप है कि मुख्तार अंसारी को जेल में जो खाना दिया गया उसमें जहर मिला हुआ था। इसी पर जस्टिस रॉय ने अधिवक्ता कपिल सिब्बल से मुखातिब होते हुए कहा कि सिब्बल जी, हम उसे वापस नहीं ला सकते। सिब्बल ने कहा कि इस देश में इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) नटराज ने कहा कि शुरू में जो मांग की गई थी, उसे सुलझा लिया गया है लेकिन सिब्बल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को जो आशंका थी वही हुआ।

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