डिजीटल डेस्क : Breaking – RG Kar कांड के विरोध में तृणमूल में पहला इस्तीफा, जवाहर सरकार का सांसदी के साथ राजनीति भी छोड़ने का ऐलान। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित RG Kar मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते 8-9 अगस्त को हुए मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर के बाद लगातार बढ़ते जनाक्रोश के बीच राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में भी खिलाफत का लावा फूटा है।
पूरे घटनाकांड पर पहली बार तृणमूल कांग्रेस में किसी नेता ने इस्तीफे का ऐलान किया है। राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर राय घटना के बाद से अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते आ रहे थे लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया।
तृणमूल कांग्रेस से दूसरे राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार ने सांसदी छोड़ने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने सियासत भी छोड़ने की घोषणा कर दी है। उन्होंने घटना के प्रति अपने को भीतर से काफी व्यथित बताते हुए सांसद पद से इस्तीफा दिया है। इस संबंधी एक पत्र उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजा है।
दागा सवाल – कहां हैं पुरानी ममता?…अब बहुत देर हो चुकी है
तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को भेजे दो पेज के पत्र में सांसद जवाहर सरकार ने उनके बदले सियासी तेवर और अंदाज पर सवाल दागा है और पुराने तेवरों वाले ममता बनर्जी के विलुप्त होने पर गहरी निराशा जाहिर की है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दिए पत्र में सांसद जवाहर सरकार ने लिखा है –‘ मैं पिछले एक महीने से RG Kar वाली घृण्य घटना पर लोगों का आक्रोश और नाराजगी को बड़े ही सब्र और धैर्ये से देखा।
घटना को लेकर लोगों में जिस तरह का आक्रोश और गुस्सा है, उसे देखते हुए मैं इस काफी चिंतित हुआ और उधेड़बुन में पड़ गया कि आप क्यों नहीं पीड़ित और उद्वेलित जूनियर डॉक्टरों के पास दौड़कर गईं ?
क्यों वहां जाकर उनका दुख-दर्द साझा नहीं किया? क्यों उनकी आवाज को बुलंद नहीं किया ? अब जो आपकी सरकार पूरे मामले पर दंडात्मक कार्रवाई कर रही है या कदम उठा रही है, वह सीधे और सपाट शब्दों में काफी कम है और सच्चाई यही है कि बहुत देर हो चुकी है’।
जवाहर ने लिखा – पूरे सियासी जीवन में सरकार के प्रति लोगों की ऐसी अनास्था नहीं देखी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजे इस दो पन्ने के खत में जवाहर सरकार ने RG Kar की घटना को लेकर अपनी कई वेदनाओं का उल्लेख किया और खुलकर अपनी बात रखी है। घटना के विरोध में शुरू में लोगों के विरोध और प्रतिवाद जुलूसों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से वामपंथियों और भाजपा प्रायोजित बताए जाने पर जवाहर सरकार ने खेद प्रकट किया है।
लिखा है कि – ‘मेरा मानना है कि इस आंदोलन में उतरे लोग गैर-राजनीतिक हैं और स्वत: स्फूर्त होकर घटना का विरोध कर रहे हैं। अतएव लोगों के इस आंदोलन को राजनीतिक तगमा लगाकर विरोध करना या उसकी अनदेखी करना समीचीन नहीं है, ठीक नहीं है।
ये लोग जो सड़कों पर है और आंदोलनरत है, वे राजनीति पसंद नहीं करते और राजनीतिक दलों से जुड़े नही हैं। वे सिर्फ न्याय की मांग कर रहे हैं और कुछ नहीं।
अपने इतने दिनों के सियासी जीवन में मैंने सरकार के खिलाफ कभी ऐसी संपूर्ण अनास्था नहीं देखी थी’।
सांसद जवाहर बंगाल में भ्रष्टाचार और टीएमसी के कुछ नेताओं की दबंगई से हुए हताश !
अपने इसी पत्र में जवाहर सरकार ने आगे लिखा है कि – ‘…माननीया महोदया, बात मानिए कि इस समय लोगों को जो स्वत: स्फूर्त आंदोलन और गुस्सा सड़कों पर दिख रहा है उसके जड़ में है चहेते अधिकारियों और पसंदीदा लोगों का मनबढ़ व स्वेच्छाचारी रवैया। मैंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई लेकिन हमारे ही राज्य में भ्रष्टाचार और पार्टी के ही कुछ लोगों की अन्यायपूर्ण दबंगई देख मैं हताश हो गया हूं। है।… मैं अगले कुछ दिनों में दिल्ली जाकर राज्यसभा के सभापति से मिलूंगा और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दूंगा। साथ ही राजनीति से पूरी तरह विदाई ले लूंगा।….आदर और शुभेच्छा स्वीकार करें।‘