Delhi में New CM के चयन में दिखा झारखंड का सियासी सबक, चंपई सोरेन प्रकरण से ठिठके अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल संग आतिशी

डिजीटल डेस्क : Delhi में New CM के चयन में दिखा झारखंड का सियासी सबक, चंपई सोरेन प्रकरण से ठिठके अरविंद केजरीवाल। Delhi में अब नए CM के तौर पर आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी पदभार संभालेंगी।

आतिशी के नाम को लेकर चर्चा तो पहले से ही हो रही थी लेकिन उनके नाम पर आखिरी मुहर मंगलवार को लगी। इस पूरे प्रकरण में अचानक से देश की राजधानी की कुर्सी के इस खेल में झारखंड अचानक सुर्खियों में है।

सियासी गलियारों में तेजी चर्चा हो रही है कि झारखंड में हाल में हुए चंपई सोरेन प्रकरण के बाद अरविंद केजरीवाल Delhi में  New CM के चयन में हर कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहते थे।

यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने भरोसेमंद और सियासी नजरिए से मुफीद साथी आतिशी को CM का चेहरा बनाया।

झारखंड का किस्सा Delhi में दोहराने से बचे केजरीवाल

Delhi में New CM का चयन तो हो गया, लेकिन सियासी चर्चाएं हैं कि आतिशी के चयन में क्या अहम फैक्टर देखे गए। राजनीतिक विश्लेषक गोरखपुर के इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ. शैलेश सिंह कहते हैं कि मोटे तौर पर देखें सियासी लिहाज से इस मामले में अरविंद केजरीवाल ने काफी परिपक्वता दिखाई और झारखंड में रहे सियासी अनुभव का लाभ लिया है।

Delhi में कई बड़े नामों पर कयास लगाए जा रहे थे लेकिन केजरीवाल ने अपने सबसे भरोसेमंद सहयोगी आतिशी को बतौर CM चुना। डॉ. शैलेश बताते हैं कि जो चर्चाएं सियासी गलियारों में चंपई सोरेन के घटनाक्रम को लेकर हो रही हैं, वह भी गलत नहीं हैं। उनका कहना है कि हेमंत सोरेन ने अपने सबसे भरोसेमंद और पार्टी के सबसे करीबी नेता पर भरोसा करते हुए CM बनाया था।

लेकिन बाद में जो सियासी घटनाक्रम हुआ उससे सभी लोग वाकिफ हैं कि कैसे चंपई सोरेन को सरकार के साथ ही पुराने संगठन तक को छोड़ने का फैसला लेना पड़ा और प्रतिपक्ष हमलावर हुआ तो झारखंड के सत्तारूढ़ सरकार के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।

ऐसे में केजरीवाल को जब ऐसा निर्णय लेना था, तो वह अपने सबसे भरोसमंद और पहले से मुसीबत में साथ देने वाले चेहरे पर ही भरोसा जताते। हालांकि केजरीवाल की जगह पर जितने नाम CM के तौर पर सामने आ रहे थे, वे सब उनके करीबी और भरोसेमंद ही थे।

लेकिन आतिशी का CM के तौर पर चुना जाना दिल्ली से लेकर अलग अलग राज्यों में महिला सियासत के लिए मुफीद माना गया और उनको जिम्मेदारी दी गई।

Delhi में अब अरविंद केजरीवाल के बाद आतिशी राज

आतिशी को Delhi की कमान मिलने से आम आदमी पार्टी के वो नेता भी कहीं पीछे छूट गए हैं जिनका अरविंद केजरीवाल से रिश्ता पार्टी की स्थापना से भी पुराना है।

केजरीवाल के इस्तीफे से खाली हुए CM पद के वैक्यूम को तो आतिशी के जरिए भर दिया गया है लेकिन भारी-भरकम मंत्रालयों का कार्यभार संभाल रहीं आतिशी को नई जिम्मेदारी मिलने से कैबिनेट में जगह खाली हो गई है। यानी नए नेताओं की दिल्ली की सरकार में एंट्री तय है।

दूसरी तरफ भले ही अगले चुनाव तक आतिशी मुख्यमंत्री रहें, लेकिन संगठन की दृष्टि से भी उनके कद में इजाफा तय माना जा रहा है। CM होने के नाते वो पहली पंक्ति की नेता हो जाएंगी और अपनी पार्टी की प्रमुख स्टार प्रचारक भी बन जाएंगी।

दिल्ली की नई सीएम आतिशी
दिल्ली की नई सीएम आतिशी

Delhi कैबिनेट और AAP संगठन में होंगे कई बदलाव

बदले हालात में अब Delhi कैबिनेट में 2 नए चेहरे की आमद तय मानी जा रही है। अरविंद केजरीवाल अब मुख्यमंत्री नहीं हैं। केजरीवाल कैबिनेट में शामिल आतिशी को CM की कुर्सी मिली है। ऐसे में नई सरकार में अगर पूरी कैबिनेट भी रिपीट की जाए तब भी सिर्फ 5 चेहरे ही पूरे होंगे।

इसकी 2 वजहें हैं। पहला, आतिशी के CM बनने से उनका मंत्री पद रिक्त हो गया है और दूसरा सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद का इस्तीफा। अप्रैल 2024 में राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। केजरीवाल के जेल में होने की वजह से किसी नए चेहरे को पार्टी सरकार में शामिल नहीं कर पाई।

संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक दिल्ली में अधिकतम 7 मंत्री बनाए जा सकते हैं। कहा जा रहा है कि नई सरकार के कैबिनेट विस्तार में सभी सीट भर ली जाएंगी। चेहरे को लेकर भी चर्चा है।

एक मंत्री पद तो दलित राज कुमार आनंद की वजह से रिक्त हुआ है तो कहा जा रहा है कि यह पद किसी दलित विधायक को ही मिलेगा। दूसरी सीट को लेकर अभी सस्पेंस कायम है। कहा जा रहा है कि पार्टी किसी वैश्य या हरियाणा के आसपास सीट पर प्रभाव रखने वाले नेता को कैबिनेट में शामिल कर सकती है।

दिल्ली की नई सीएम आतिशी
दिल्ली की नई सीएम आतिशी

आम आदमी पार्टी से New CM आतिशी का जाने राजनीतिक करियर…

एनजीओ से अन्ना आंदोलन और फिर आम आदमी पार्टी से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाली आतिशी साल 2019 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरीं। आप ने लोकसभा चुनाव में उन्हें पूर्वी दिल्ली सीट से सिंबल दिया, लेकिन आतिशी यह चुनाव जीतने में असफल रहीं।

भाजपा के गौतम गंभीर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। आतिशी उसके बाद विधानसभा के चुनावी समर में उतर गई। साल 2020 के दिल्ली चुनाव में आतिशी को कालकाजी सीट से उम्मीदवार बनाया गया और वह चुनाव जीतने में सफल रहीं।

आतिशी को 2023 में केजरीवाल कैबिनेट में शामिल किया गया। उनके पास वित्त जैसे अहम विभाग थे। 2013 से आतिशी पार्टी की विचारधारा के साथ तो जुड़ी रहीं, लेकिन जिस तरह से दिल्ली में मनीष सिसोदिया की शिक्षा प्रणाली के प्रोजेक्ट में अपना योगदान दिया उससे केजरीवाल का भरोसा जीता।

इसके अलावा महिला फैक्टर ने भी खूब काम किया जिसका दिल्ली ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में सियासी फायदा भी देखने की उम्मीद पार्टी लगा रही है। इसी क्रम में अहम बात यह है कि आम आदमी पार्टी में New CM आतिशी अब स्टार प्रचारक लिस्ट में टॉप फाइव में शामिल हो जाएंगी।

गत लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने स्टार कैंपेनर का जो लिस्ट जारी किया था, उसमें आतिशी का नाम 12वें नंबर पर था। उनसे ऊपर दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय का था जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम तीसरे नंबर पर था।

हाल ही में हरियाणा चुनाव को लेकर जो स्टार प्रचारकों की सूची जारी की गई, उसमें आतिशी का नाम 13वें नंबर पर था। आतिशी अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। दिल्ली में 2025 के फरवरी में विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं। कयास लगाया जा रहा है कि अब स्टार प्रचारकों की सूची में आतिशी का नाम शीर्ष 5 में रह सकता है।

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