डिजीटल डेस्क : CM Yogi का फैसला – यूपी में तय होंगे ई-रिक्शा के रूट, नाबालिग नहीं चला पाएंगे। राजधानी लखनऊ में उच्चाधिकारियों की बैठक लेते हुए शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक कॉमन नागरिक समस्या पर विस्तार से चर्चा की।
सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि – ‘नगरों में यातायात जाम एक बड़ी समस्या का रूप ले रही है। इसके लिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप नियोजन समाधान का प्रयास किया जाना चाहिए।
स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाएं। ई-रिक्शा चलाने वालों का वेरिफिकेशन कराया जाए, सुरक्षा की दृष्टि से यह जरूरी है।
कहीं भी नाबालिग ई-रिक्शा न चलाये, यह सुनिश्चित करें। ई-रिक्शा का रूट तय होना चाहिये। यातायात को बाधित कर टैक्सी स्टैंड न चलाया जाए’।
सीएम योगी ने पुलिस के लोकल इंटेलिजेंस को पुख्ता करने को कहा
इसी क्रम में एक अन्य गंभीर मसले पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से चर्चा की। सीएम योगी ने कहा कि – ‘देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में लागू तीनों नए कानून अब पूरी तरह अमल में आ चुके हैं। इस संबंध में विधिवत प्रशिक्षण जारी रखा जाए।
हाल के दिनों में रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर, रॉड आदि चीजें मिली हैं। इसी तरह ट्रेनों पर पत्थर फेंके जाने की घटनाएं भी हुई हैं। यह चिंताजनक है।
इसके लिए जीआरपी, आरपीएफ, रेलवे प्रशासन और सिविल पुलिस को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। लोकल इंटेलिजेंस को और मजबूत किया जाना चाहिए।
पुलिस बल में लॉजिस्टिक्स का अभाव न हो। समय-समय पर इसकी समीक्षा करते रहें। हमारा पुलिस बल आधुनिक उपकरणों से लैस होनी चाहिए।
अभी 40 अश्वों की आवश्यकता और है, कुंभ में इसकी आवश्यकता पड़ेगी। इनकी क्रय और प्रशिक्षण की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी की जाए। प्रदेश में पहली बार होने जा रही कंडम वीपन्स के निस्तारण की प्रक्रिया को सावधानी से पूरा किया जाए’।
ब्लैक स्पॉट डॉयल 112 की तैनाती बढ़ेगी, कमांडों ट्रेनिंग में और सुधार होगा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने डॉयल 112 के कार्यकुशलता मे आए सुधार की सरहाना की। सीएम योगी ने कहा कि – ‘विशेष परिस्थितियों में हमारी PRV 112 ने बेहतरीन परिणाम दिए हैं। आज औसत रिस्पॉन्स टाइम घटकर 7.5 मिनट तक आ गया है। कुछ जिलों में तो 3-5 मिनट में रिस्पॉन्स मिल रहा है।
यह संतोषप्रद है लेकिन तकनीक की सहायता से इसे और कम किया जाना चाहिए। पीआरवी 112 के वाहनों की लोकेशनिंग और ठीक किया जाना आवश्यक है। इसके लिए पुलिस कप्तान के साथ-साथ थानाध्यक्ष तक को जवाबदेह बनाना होगा। सक्रियता और बढ़ाये जाने की जरूरत है। ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर वहां वाहनों की तैनाती करें।
वीमेन पॉवर लाइन 1090 को और उपयोगी बनाने का प्रयास हो। जिन जिलों से कम फोन कॉल आ रहे हैं, वहां इसके बारे में जागरूकता बढ़ाएं। कमांडो ट्रेनिंग और बेहतर करने की आवश्यकता है।
ऊर्जावान युवाओं को कमांडों प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करें। पुलिस बैंड को और व्यवस्थित करने की जरूरत है। पीएसी फ्लड यूनिट का रिस्पॉन्स टाइम और कम करने का प्रयास करें’।
जिलों में साइबर थानों के निर्माण जल्द पूरे होंगे, साइबर क्राइम पर क्विक रिसपॉंस का निर्देश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘बदलते समय के साथ साइबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। हमें इसके लिए हर स्तर पर सतर्क होना होगा। साइबर फ्रॉड के संबंध में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
शिक्षक, उद्यमियों, व्यापारियों, चिकित्सकों सहित अलग-अलग वर्गों के साथ समय-समय पर गोष्ठियां की जाएं, लोगों को साइबर अपराध की घटनाओं से अवगत कराएं, सुरक्षा के तौर-तरीकों से अवगत कराएं।
सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने स्थापित किये जा रहे हैं। इनके भवन निर्माण की कार्यवाही में अनावश्यक देर न की जाए। आवश्यकतानुसार मानव संसाधन की व्यवस्था करें।
भारत सरकार द्वारा साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना का प्रस्ताव है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करें। हर जिले के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क क्रियाशील रखें।
किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर तत्काल रिस्पॉन्स होना चाहिए। फ़ॉरेंसिक इंस्टिट्यूट, लखनऊ को साधन-संपन्न बनाने के लिये सरकार हर आवश्यक सहयोग देगी। इसके निर्माण संबंधी अवशेष कार्यों को यथाशीघ्र पूरा कराएं’।