पूर्वी चंपारण: बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचे भाजपा विधायक स्थानीय अधिकारियों पर भड़क गए और डीएम को फोन कर निलंबित करने की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि डीएम साहब आपके ये कर्मचारी अनुकंपा वाले हैं। न इन्हे अपने घर से देना है न मेरे घर से देना है। ये चौक तक आते हैं और वहीं से लौट जाते हैं फिर गलत रिपोर्ट देते हैं। दरअसल पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक प्रमोद कुमार पूर्वी चंपारण के बहुआरी झिटकहिया पंचायत के बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे।
बाढ़ पीड़ितों ने विधायक को बताया कि यहां के कर्मियों ने कहा कि आपने राहत सामग्री देने से मना मना कर दिया है इसलिए अब यहां बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री वितरण नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों के इतना कहते ही विधायक भड़क गए और उन्होंने डीएम को फोन लगाया और कहा कि आपके ये अनुकंपा वाले कर्मचारियों ने बाढ़ पीड़ितों को राहत देने से मना कर दिया है। उन्होंने लोगों को कहा है कि विधायक ने मना किया है, मेरे बाप के घर से देना है क्या कि हम मना करेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कहते हैं कि सरकार के खजाना पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है और आपका यह कर्मचारी कह रहा है कि विधायक ने राहत सामग्री वितरण से मना कर दिया है।
आपका ये कर्मचारी लोग चौक पर से घूम कर चला जाता है और गलत सलत बात फैलता है कि विधायक जी ने मना कर दिया है। विधायक ने कहा कि कर्मचारियों ने डीएम को बाढ़ का रिपोर्ट ही नहीं दिया है जिसकी वजह से यहां के लोगों को बाढ़ में दी जाने वाली सहायता नहीं मिल सकी है। ये लोग हमें बदनाम कर रहे हैं। डीएम लोगों को रहत पहुँचाना चाहते हैं लेकिन ये लोग उल्टा रिपोर्ट दे रहे हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की साथ ही बाढ़ पीड़ितों के बीच बाढ़ राहत सामग्री का जल्दी वितरण करवाने की भी मांग की।
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मोतिहारी से सोहराब आलम की रिपोर्ट
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