रांची: पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ा खुलासा किया है, जिसमें उन पर 56 करोड़ रुपए की कमीशन वसूली का आरोप लगाया गया है। ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि इन 56 करोड़ में से 35 करोड़ रुपए आलमगीर आलम को उनके निजी सचिव संजीव कुमार लाल के माध्यम से मिले थे।
जांच में यह भी सामने आया है कि संजीव, जो मंत्री के लिए चीफ इंजीनियर के तौर पर कार्यरत थे, टेंडर आवंटन के बदले कमीशन की राशि वसूलने का पूरा जिम्मा संभालते थे। संजीव ने अपने नौकर जहांगीर आलम के माध्यम से कमीशन की राशि इकट्ठा की और मंत्री तक पहुंचाई। टेंडर आवंटन के बदले आलम को 1.35 फीसदी और अन्य वरिष्ठ अफसरों, इंजीनियरों तथा कर्मचारियों को 1.65 फीसदी कमीशन मिलता था।
इसके अलावा, संजीव ने अपने मित्र ठेकेदार मुन्ना सिंह के जरिए भी 53 करोड़ रुपए की कमीशन वसूली की। ईडी ने मुन्ना के ठिकाने पर छापेमारी के दौरान 2.93 करोड़ रुपए कैश भी बरामद किए। जहांगीर आलम के आवास पर की गई छापेमारी में 32 करोड़ रुपए की राशि मिली थी। ईडी के अनुसार, यह घोटाला कुल 3000 करोड़ रुपए से अधिक का है, जिसमें कई इंजीनियर और सरकारी कर्मचारी शामिल हैं।
इस मामले ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, और इससे जुड़े सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।