मथुरा : RSS के सरकार्यवाह ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ को बताया जीवन-मंत्र, फिर सुर्खियों में CM Yogi की नसीहत। उत्तर प्रदेश के CM Yogi आदित्यनाथ अपने उस पुराने बयान ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ को लेकर शनिवार को तब अचानक सुर्खियों में आ गए जब RSS ने आधिकारिक रूप से अपनी राष्ट्रीय बैठक के दौरान उनके बयान का समर्थन कर दिया।
मथुरा में RSS के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के क्रम में शनिवार को RSS के सरकार्यवाह दत्रात्रेय होसबाले ने मीडिया ब्रीफिंग में तो इसे जीवन मंत्र जैसा बता दिया।
दत्तात्रेय होसबोले ने इसके पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि – ”बंटेंगे तो कटेंगे’ को हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए। …इसे आचरण में लाना चाहिए। …यह हिंदू एकता की आवश्यकता है…हिंदू एकता और लोक कल्याण के लिए जरूरी है’।
‘बंटेंगे तो कटेंगे‘ के नारे के साथ ही लव जिहाद पर संघ के विचार जानिए…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि – ‘इसका मतलब है कि एकता की आवश्यकता है और हमें इसे अपने आचरण में लाना है। लोग इसे समझ रहे हैं और लागू कर रहे हैं। यह हिंदू एकता और लोक कल्याण के लिए बहुत आवश्यक है।
…हिंदुओं को तोड़ने के लिए लोग काम कर रहे हैं।…- बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों की परेशानियों को लेकर भारत सरकार ने कदम उठाए हैं। दुनिया में कहीं भी किसी भी हिंदू को अगर कोई परेशानी होती है तो वह मदद के लिए भारत की तरफ ही देखता है।
…लव जिहाद से समाज में समस्या हो रही है। लड़कियों को लव जिहाद के प्रति जागरूक करें। हमारे समाज की बहन-बेटियों को बचाना हमारा काम है।…केरल में 200 लड़कियों को लव जिहाद से बचाया गया है।’
पीएम मोदी, मोहन भागवत के बाद अब सुधांशु त्रिवेदी ने CM Yogi का किया समर्थन
बता दें कि कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के कार्यक्रम में और फिर हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी रैलियों में हिंदुओं को जातियों में बांटने की विपक्षी दलों की रणनीति के प्रति आगाह करते हुए CM Yogi ने कहा था कि विपक्ष चाहता है कि मुसलमान एकजुट होकर ताकतवर और हिंदू जातियों में विभाजित होकर कमजोर बने रहें।
CM Yogi ने पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में मुसलमानों के हाथों बेगुनाह हिंदुओं के मारे जाने का हवाला देकर कहा था कि बंटेंगे तो कटेंगे। इस बयान की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अलग-अलग तरह से इस संदेश को आगे बढ़ाया था।
अब, इसी बंटेंगे तो कटेंगे पर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में विस्तार से बात करते हुए कहा कि -‘बंटेंगे तो कटेंगे कोई नारा नहीं बल्कि सदियों की सच्चाई है। …बात चुनावों में जीत-हार तक सीमित रहती तो कोई बात नहीं थी, लेकिन जहां भी हिंदू कमजोर पड़ा, वो इलाका देश से कट गया।
…कश्मीर में हिंदुओं ने ताकत नहीं दिखाई तो उनका नरसंहार हुआ। …लाहौर की 75% आबादी हिंदुओं और सिखों की थी, कराची में हिंदू सिंधी और हिंदू पंजाबी जनसंख्या के दो तिहाई थे, काबुल में 1950 तक एक तिहाई हिंदू-सिख थे, रंगून में एक तिहाई आबादी हिंदुओं की थी, सभी जगहों पर आज हिंदुओं-सिखों का सफाया हो गया।
…बंटने के प्रति सचेत करने का मतलब अनेकता में एकता का मंत्र है। हम जाति, वर्ग में भले अनेक हों, लेकिन इस आधार पर हम बंटे नहीं बल्कि एकजुट रहें’।