रांची: झारखंड विधानसभा में छठवीं विधानसभा के नव निर्वाचित अध्यक्ष को बधाई देते हुए पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि अध्यक्ष का पद केवल सभा संचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि विधानसभा सचिवालय और सभी संसदीय समितियों का भी सर्वोच्च प्रभार अध्यक्ष के पास होता है।
Highlights
उन्होंने उम्मीद जताई कि अध्यक्ष के नेतृत्व में विधानसभा सुचारू रूप से चलेगी और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती मिलेगी। सरयू राय ने यह भी कहा कि प्रश्नकाल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण जैसे सत्र के महत्वपूर्ण विषय आम जनता के हित से जुड़े होते हैं। उन्होंने सदन की प्रथम पाली में व्यवधान को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि ऐसी स्थितियों से न केवल जनहित प्रभावित होता है, बल्कि शासन पर प्रभावी नियंत्रण भी कमजोर पड़ता है।
सरयू राय ने संसदीय समितियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि सत्र के बाहर ये समितियां लघु विधानसभा के रूप में कार्य करती हैं। उनका संचालन और प्रभावशीलता अध्यक्ष द्वारा उन्हें दिए गए महत्व पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि समितियों द्वारा शासन की कमियों को सुधारने के लिए की गई सिफारिशों का प्रभावी क्रियान्वयन सरकार को बेहतर संचालन की दिशा में ले जा सकता है।
सदन की बेहतर कार्यवाही सुनिश्चित करने में नेता सदन और प्रतिपक्ष के नेता की भूमिका पर जोर देते हुए सरयू राय ने कहा कि अध्यक्ष के कार्यकाल में ऐसे निर्णय और नियमन स्थापित हों, जो भविष्य के लिए नजीर बनें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अध्यक्ष की अगुवाई में झारखंड विधानसभा बेहतर लोकतांत्रिक परंपराओं को अपनाएगी और जनहित के मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा करेगी।
नव निर्वाचित स्पीकर को ऐतिहासिक कार्यकाल की शुभकामनाएं
अंत में सरयू राय ने नव निर्वाचित अध्यक्ष को बधाई देते हुए उनके कार्यकाल को लोकतंत्र और जनहित के लिए ऐतिहासिक बनाने की कामना की।