सीतामढ़ी : सीतामढ़ी स्वास्थ्य माफियाओं और निजी क्लिनिक संचालक अब मरीजों के साथ धांधली पर उतारू हो गए है। ऐसा ही एक मामला शहर के बसवरिया स्थिति निजी क्लिनिक सीतामढ़ी आरोग्य क्लिनिक का सामने आया है। जहां अस्पताल प्रबंधक द्वारा बनाए गए मनमाने बिल का भुगतान न किए जाने पर एक मरीज को बंधक बना लिया गया। जिसकी शिकायत डीएम रिची पांडेय को मिलने पर मामले की जांच के लिए डीसीएम समरेंद्र नारायण वर्मा को भेजा गया। जहां पहुंचे डीसीएम ने बंधक बनाए गए मरीज को मुक्त करा, अस्पताल संचालक को निबंधन संबंधित कागजातों को शनिवार तक जमा कराने का निर्देश दिया।
वहीं मरीज को सदर अस्पताल से आशा कार्यकर्ता द्वारा ला निजी क्लिनिक में भर्ती कराए जाने पर उसे निलंबित कर दिया गया। बता दें कि बथनाहा थाना क्षेत्र के विशनपुर निवासी शंभू कुमार की पत्नी सुलेखा देवी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल में लाया गया था। जहां मनियारी कमलदह की आशा रानी देवी द्वारा उसे बसवरिया स्थित निजी क्लिनिक में आया गया था। जहां 18 हजार रूपया अग्रिम राशि मरीज के परिजनों से जमा कर ली गई। वहीं प्रसव के बाद शुक्रवार को पेशेंट के परिजनों को 80 हजार का बिल दिया गया। मरीजों द्वारा अत्यधिक बिल होने की बात पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज और उनके परिजनों को बंधक बना लिया गया। जिसकी जानकारी मरीज के परिजनों द्वारा डीएम रिची पांडेय को दूरभाष पर दी गई। जिसपर त्वरित कारवाई करते हुए डीएम द्वारा मामले की जांच को लेकर डीसीएम समरेंद्र नारायण वर्मा को भेजा गया।
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मौके पर पहुंचे डीसीएम ने अस्पताल पहुंच मामले की जांच की और बंधक बनाए गए मरीज को मुक्त कराया। वहीं आशा द्वारा मरीज को दिग्भ्रमित कर लाने को लेकर डीसीएम द्वारा निलंबित कर दिया गया। वहीं चिकित्सक और अस्पताल के निबंधन के कागजातों की जांच की गई। डीसीएम समरेंद्र नारायण वर्मा ने बताया कि मामले की जांच की गई है। मरीज को सकुशल मुक्त करा घर भेज दिया गया है। वहीं आशा को निलंबित करते हुए विभाग को लिखा गया है। अस्पताल का निबंधन न होने के कारण इससे संबंधी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है। जिनके द्वारा डुमरा पीएचसी प्रभारी को उक्त क्लिनिक का जांच कर कारवाई का निर्देश दिया गए है।
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अमित कुमार की रिपोर्ट