राज्यपाल पद छोड़कर भाजपा में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार रघुवर दास

राज्यपाल पद छोड़कर भाजपा में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार रघुवर दास

रांची : ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद रघुवर दास अब भाजपा की सक्रिय राजनीति में वापसी की तैयारी में हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति को ओडिशा का नया राज्यपाल नियुक्त किया है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि रघुवर दास को भाजपा में एक बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

मकर संक्रांति के बाद उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष या झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है। हालांकि, रघुवर दास ने इस पर खुलकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन उनकी बातचीत से संकेत मिलते हैं कि वे भाजपा की सक्रिय राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाने को तैयार हैं।

झारखंड में संगठन के बदलाव का आधार 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद पार्टी झारखंड में संगठन को मजबूत करने पर काम कर रही है। रघुवर दास, जो राज्य के पहले पूर्णकालिक मुख्यमंत्री रहे हैं, को झारखंड में संगठन को फिर से खड़ा करने की जिम्मेदारी मिल सकती है।

इसके साथ ही, राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी भूमिका को लेकर चर्चाएं हैं। रघुवर दास ने भाजपा के बूथ स्तर के कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, और राज्यपाल तक का सफर तय किया है। 2014 में झारखंड के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने 2019 तक पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।

इसके बाद वे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में काम करते रहे। मोदी और शाह से नजदीकियों का मिलेगा लाभ? रघुवर दास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से करीबी रिश्ते माने जाते हैं।

यह उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी को मजबूती दे सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा नेतृत्व उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भी मौका दे सकता है।

रघुवर दास को 18 अक्टूबर 2023 को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। 31 अक्टूबर को उन्होंने इस पद की शपथ ली थी। हालांकि, कुछ ही महीनों में उन्होंने इस्तीफा देकर पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाने का संकेत दे दिया।

राजनीतिक भविष्य की ओर रघुवर दास की वापसी से झारखंड और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के भीतर नए समीकरण बन सकते हैं। उनके अनुभव और जमीन से जुड़ी राजनीति के चलते उन्हें पार्टी के महत्वपूर्ण निर्णयों में शामिल किया जाना तय माना जा रहा है।

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