मुजफ्फरपुर : रमना स्थित गुरुद्वारा में गुरु तेग बहादुर का 346 वां शहीदी दिवस के तीसरे दिन भी बुधवार की रात धूमधाम के साथ मनाया गया. बता दें कि शहीदी दिवस सोमवार की शाम से शुरु हुई थी. अखंडपाठ बुधवार की संध्या 8 बजे समाप्त हुआ. वही इस दौरान स्वर्ण मंदिर अमृतसर से आए भाई करनैल सिंह के रागी जत्थे एवं बंगला साहिब दिल्ली से आए भाई सत्यपाल सिंह के कई रागी जत्थे ने संयुक्त रूप से शब्द और कीर्तन की एक शानदार प्रस्तुति दी.
इस दौरान सैकड़ो की संख्या में सिख समुदाय के श्रद्धालुओं ने गुरु घर में माथा टेक कर प्रार्थना की. वही कोषाध्याक्ष पंजाब सिंह ने बताया कि 1675 ई. में श्री गुरू तेग बहादुर ने अपने सिर का भी बलिदान दिया था, उन्हीं की याद में सभी गुरुद्वारे में शहीदी दिवस मनाया जाता है.
रिपोर्ट : विशाल
शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है? (Shahid Diwas Kyu Manaya Jata Hai)