Ranchi- भारतीय जनता पार्टी के प्रबुद्धजन सम्मेलन में भाग लेने रांची पहुंचे राकेश सिन्हा ने हेमंत सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा है कि हेमन्त सोरेन ईसाइयों के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं. अप्रत्यक्ष रुप से धर्म परिवर्तन को समर्थन दिया जा रहा है और विदेशी पैसों से गरीब आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है. मिशनरीज़ आदिवासी परंपरा को मिटाने पर तूली हुई है. ऐसी शक्तियों को अब भारत छोड़कर जाना पड़ेगा.
राकेश सिन्हा ने कहा है कि कहने को तो हेमंत सोरेन जीरो टॉलरेन्स की बात करते है, लेकिन सच्चाई इसके विपरित है, हेमंत सोरेन की सरकार में जीरो टॉलरेन्स फॉर नो करप्शन है. भगवान बिरसा मुंडा जिस हॉफमैन के खिलाफ लड़ाई लड़ी, अब उसी हॉफमैन का स्टेचू बनाकर झारखंड में सम्मानित किया जा रहा है. सांस्कृतिक हमले करने वालों को झारखंड की हेमन्त सरकार सम्मानित करने का कार्य कर रही है. धर्म परिवर्तन कराने के नाम पर स्कूल-कॉलेज चलाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. सांस्कृतिक हमले करने वालों को भारत छोड़ने का समय आ गया है.
इसके पहले रांची के ओरमांझी स्थित साई नाथ यूनिवर्सटी में भारतीय जनता पार्टी के प्रबुद्धजन सम्मेलन में “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में युगान्तकारी परिवर्तन” विषय पर बोलते हुए कहा कि भारत तर्क, विचार और संवाद से चलने वाला देश है. ब्रितानियों की सत्ता की समाप्ति के बाद 2014 से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की शुरुवात हुई. 1954 में शुरु हुआ पद्म पुरस्कार 60 वर्षों पैरवीकारों को मिलता रहा. हालत तो यह हो गई कि जेपी कृपलानी ने भी राज्यसभा में प्राइवेट बिल लाकर पद्म पुरस्कार को बंद करने की मांग कर डाली. लेकिन 2014 के बाद से असली हकदारों को पुरस्कार दिया जा रहा है. पहले गण पर तंत्र हावी था, लेकिन अब गण की बात हो रही है. सामान्य जनों को अपनी बात कहने की ताकत मिली है. यही युगांतकारी परिवर्तन है.