Tuesday, September 30, 2025

Related Posts

स्ट्रेचर का नहीं है जुगाड़, वेंटिलेटर पर सदर अस्पताल, मरीज परेशान …

औरंगाबाद: सदर अस्पताल में इन दिनों निर्माण कार्य चल रहा है. जिसके कारण वहां की व्यवस्था पूर्ण रूप से स्ट्रेचर पर आ गयी है. स्ट्रेचर भी ऐसा, जहां मरीजों को ले जाने के लिए परिजनों को मरीज को स्ट्रैचर पर खुद ले जाना पड़ता है. काफी मरीजों की हालत तो ऐसी है कि उनके परिजनों को उन्हें गोद में उठाकर ले जाना पड़ रहा है. हालांकि औरंगाबाद सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल का दर्जा प्राप्त है. लेकिन बदहाल व्यवस्था को देख इसे आदर्श मानना गलत लगता है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी सुविधाओं और आवश्यक संसाधनों से लैश सदर अस्पताल की नौ मंजिला इमारत का निर्माण कार्य चल रहा है. निर्माण कार्य के दौरान परिसर में की गई बेतरतीब खुदाई से अस्पताल का सारा सिस्टम चरमरा गया है.  निर्माण कार्यों के कारण सदर अस्पताल के मेन गेट को बंद कर दिया गया है. अस्पताल के पिछले दरवाजे से लोगों की आवाजाही हो रही है. परिसर में जल-जमाव और कुव्यस्थाओं के कारण अस्पताल में आ रहे मरीज और उनके परिजन परेशान हैं. हद तो यह कि अस्पताल के कर्मचारियों का भी रवैया मरीजों के प्रति सहयोगात्मक नहीं दिखा. नतीजतन परिजनों को खुदाई से उबड़-खाबड़ जमीन पर हिलते-डुलते खुद स्ट्रेचर खींचकर मरीजों को वार्ड में लाना पड़ रहा है. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिले के सबसे बड़े अधिकारी याने कि अस्पताल के सिविल सर्जन का रवैया भी लोगों को पसंद नहीं आया. सिविल सर्जन कुमार वीरेंद्र प्रसाद से बात की गई, तो सवालों से वे पल्ले झाड़ते नजर आए और कहा कि क्या करें अस्पताल बंद करा दे. ऐसे में लाख टके का सवाल है कि जब सिविल सर्जन जैसे जिम्मेदार अधिकारी का यह हाल है, तो अस्पताल की व्यवस्था का स्ट्रैचर पर आना लाजमी है. हालांकि अभी भी लोगों को आशा है कि सिविल सर्जन मामले को संज्ञान में लेते हुए, उचित कार्रवाई करेंगे.

रिपोर्ट- दीनानाथ

145,000FansLike
24,800FollowersFollow
628FollowersFollow
629,000SubscribersSubscribe