रांची: जेएमएम में सीता सोरेन की वापसी की चर्चा के बीच बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिल रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, जेएमएम ने उनके लिए ‘नो एंट्री’ का बोर्ड लगा दिया है, जिससे उनकी घर वापसी की राह मुश्किल हो गई है।
सीता सोरेन की पार्टी में वापसी को लेकर परिवार के भीतर भी सहमति नहीं बन पा रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने अब तक इस पर अपनी सहमति नहीं दी है। यह पारिवारिक असहमति न केवल उनकी वापसी को प्रभावित कर रही है बल्कि पार्टी की अंदरूनी राजनीति को भी जटिल बना रही है।
सूत्रों के अनुसार, 2 जनवरी को सीता सोरेन की जॉइनिंग की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह तय नहीं हो पा रहा है कि उनकी वापसी होगी या नहीं।इस पूरे घटनाक्रम के बीच, सीता सोरेन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
उनकी चुप्पी से अटकलें तेज हो गई हैं कि वे अपनी आगे की रणनीति को लेकर असमंजस में हैं।जेएमएम के इस रुख से साफ है कि पार्टी के भीतर राजनीतिक समीकरण अस्थिर हो रहे हैं।
अगर सहमति नहीं बनी तो इससे पार्टी की एकता और आगामी चुनावी रणनीतियों पर असर पड़ सकता है।यह मामला व्यक्तिगत और राजनीतिक हितों के टकराव को भी दर्शाता है, जिससे पार्टी नेतृत्व के भीतर तनाव बढ़ सकता है। यदि जल्द कोई हल नहीं निकला तो यह विवाद और गहरा सकता है।