रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने गुरुवार को पत्थर खनन लीज निरस्त करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने सरकार द्वारा तथ्य छुपाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया और यह राशि प्रार्थी को भुगतान करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत प्रार्थी आनंद कुमार सिंह का खनन लीज निरस्त किया गया था। साथ ही, अदालत ने प्रार्थी को यह छूट दी कि यदि वह चाहे तो इस मामले में डैमेज सूट दाखिल कर सकता है।
प्रार्थी आनंद कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उन्हें वर्ष 2014 में पलामू जिले के हरिहरगंज थाना क्षेत्र में पत्थर खनन का लीज मिला था। जिला खनन पदाधिकारी ने लीज की शर्तों के उल्लंघन का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया और उपायुक्त से इसका अनुमोदन भी करा लिया। जबकि झारखंड लघु खनिज समादान नियमावली की धारा 27 के तहत लीज निरस्त करने का अधिकार उपायुक्त के पास है।
अदालत के इस फैसले से प्रार्थी को राहत मिली है और सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े हुए हैं।