बेतिया : बेतिया के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने आज यानी सोमवार को फाइलेरिया (हाथी पांव) उन्मूलन अभियान की शुरुआत की। उन्होंने लोगों को प्रेरित करने के लिए सबसे पहले खुद फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया। जिलेवासियों से अपील किया कि दो वर्ष से ऊपर के बच्चे/लोग अनिवार्य रूप से फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें। इस अवसर पर अपर समाहर्ता सहित अन्य उपस्थित अधिकारियों, डॉक्टरों एवं कर्मियों ने भी फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया।
जिलाधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी अत्यंत ही खतरनाक है। फाइलेरिया आमतौर पर हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। यह बीमारी मच्छर के काटने से होता है। फाइलेरिया दूसरी सबसे ज्यादा विकलांग एवं कुरूपता करने वाली बीमारी है। यह शरीर के विभिन्न अंगों हाथ, पैर, स्तन और हाइड्रोसिल आदि को प्रभावित है। इसका संक्रमण अधिकतर बचपन में ही हो जाता है। बीमारी का पता चलने में पांच से 15 साल लग जाता है। हाइड्रोसिल का इलाज ससमय संभव है, लेकिन शरीर के अन्य अंगों में (पैर, हाथ व स्तन) आया हुआ सूजन आमतौर पर लाइलाज होता है।
उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर फाइलेरिया की दवा खिलाएंगी, जिससे कोई भी व्यक्ति इस अभियान से वंचित न रह जाए। आशा कार्यकर्ता अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली अपने सामने खिलाएं, इसमें किसी प्रकार की कोताही न करें। उन्होंने निर्देश दिया कि इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें ताकि प्रत्येक व्यक्ति एमडीए दवा की खुराक खा लें।
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सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार ने बताया कि फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए सर्व जन दवा सेवन करना जरूरी है। इस हेतु 10 फरवरी से 27 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान सभी स्वस्थ व्यक्ति जो दो वर्ष से ऊपर के हैं उन्हें फाइलेरिया (हाथी पांव) से सुरक्षित रहने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही है। डीइसी एवं एल्बेंडाजोल की दवा का सेवन करना चाहिए। खाली पेट कोई भी व्यक्ति दवा का सेवन नहीं करें। दवा सेवन से हल्का-फुल्का इफेक्ट हो सकता है, परंतु इससे डरने की आवश्यकता नहीं है।
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दीपक कुमार की रिपोर्ट