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गया : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के ब्राह्मण समाज पर विवादित बयान दिए जाने के बाद ब्राह्मणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. गया में ब्राह्मण एकता जिंदाबाद के बैनर तले ब्राह्मण समाजों ने विष्णुपद मंदिर से आक्रोश मार्च निकाला जो चांद चौरा पहुंच कर जमकर नारेबाजी कर पुतला फूंका. पुतला दहन कार्यक्रम में शामिल स्थानीय पंडा समाज के प्रेमनाथ टैया ने कहा कि जीतन राम मांझी ने ना सिर्फ ब्राह्मणों के ऊपर बल्कि सनातन धर्म के विरोध में शर्मनाक बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी गया जिले के निवासी हैं. ऐसे में उन्होंने पूरे ब्राह्मण समाज के ऊपर जो टिप्पणी की है वह कहीं से भी सही नहीं है. हम लोग इसका पुरजोर विरोध करते हैं. आज हम लोग उनका पुतला दहन कर रहे हैं. साथ ही यह घोषणा करते हैं कि जीतन राम मांझी के मरणोपरांत उनके श्राद्ध से लेकर अन्य किसी भी कार्यक्रम में गया का पंडा समाज शामिल नहीं होगा. इतना ही नहीं मृत्यु के पश्चात होने वाले पिंडदान कार्यक्रम में भी गया के पंडा शामिल नहीं होंगे.
वहीं सर्वजन कल्याण शिक्षण संस्थान के सचिव सह स्थानीय निवासी निखिल कुमार ने कहा कि जीतन राम मांझी का यह बयान बहुत ही निंदनीय है. ब्राह्मण समाज एवं हिंदू धर्म के ऊपर इस तरह की बयानबाजी धार्मिक भावना पर चोट पहुंचाना है, उन्हें किसी भी हालत में माफ नहीं किया जा सकता. उनका यह बयान दर्शाता है कि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है. उन्होंने कहा कि किसी समाज के ऊपर इस तरह की बयानबाजी करना कहीं से भी सही नहीं है. इसके लिए वे माफी मांगे.
ब्राह्मणों में बयान देना मांझी को पड़ा महंगा
बिहार के गया में जीतन राम मांझी का ब्राह्मणों के खिलाफ आग उगलना महंगा पड़ गया है. पूरे बिहार में ब्राह्मण समाज आक्रोशित हो चुका है. जीतन राम मांझी के बयान के खिलाफ पूरे बिहार में ब्राह्मण समाज आक्रोशित हो चुका है. वहीं दूसरी ओर जीतन राम मांझी के पैतृक गांव गया जिला के खिजरसराय अंतर्गत महाकार के लोग भी आक्रोशित हैं. एक ओर जहां पिछड़ा, दलित और उनके समुदाय के लोग तथाकथित अज्ञानी ब्राह्मणों के खिलाफ दिया गया यह बयान मान रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर अगड़ी जाति के लोगों ने कहा कि ब्राह्मण … नहीं है बल्कि जीतन राम मांझी … हैं. क्योंकि जीतन राम मांझी अपने कार्यकाल में जो बातें कही, उसे पूरा उन्होंने नहीं किया.
आक्रोशितों ने फूंका पुतला
आक्रोशित ब्राह्मण और पंडा समाज के लोगों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए जीतन राम मांझी का पुतला फूंका है. आक्रोशित पंडा समाज और ब्राह्मणों ने जीतन राम मांझी की राजनीतिक पतन का यह पहला कदम माना है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जीतन राम मांझी का अब जल्द ही राजनीति खात्मा हो जाएगा. क्योंकि उनका अब अंतिम समय चल रहा है. इसलिए जिस दीपक का तेल खत्म होने लगता है उसकी लौ तेज हो जाती है. इस तरह देखा जाए तो पूरे बिहार में ब्राह्मण समाज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के सुप्रीमो जीतन राम मांझी की खिलाफत शुरू हो चुकी है.
रिपोर्ट: राममूर्ति पाठक
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