एस के राजीव
पटना: ‘लंबे समय बाद बिहार की सियासत में सरकार ने मंत्रिमंडल (Cabinet) का विस्तार कर एक नया संदेश देने की कोशिश की है। दरअसल नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) का आज विस्तार हुआ है, जिसमें भाजपा कोटे से सात विधायकों को मंत्री बनाया गया है। दरभंगा से संजय सरावगी, बिहारशरीफ से विधायक सुनील कुमार, जाले से विधायक जीवेश मिश्रा, साहेबगंज से विधायक राजू कुमार सिंह, रीगा से विधायक मोती लाल प्रसाद, अररिया के सिकटी से विजय कुमार मंडल और अमनौर के विधायक कृष्ण कुमार मंटू ने मंत्री पद की शपथ ली है।
नीतीश Cabinet में शामिल हुए 7 नए मंत्री, दो ने मैथिली में ली शपथ
शपथग्रहण से भाजपा एक तीर से कई निशाना साधने की कोशिश में जूटी है। एक तो सीमांचल और मिथिलांचल को साधने की कोशिश तो दूसरी जाति के बहाने जमात को अपने साथ जोड़ने की मुहीम। इतना ही नहीं भाजपा को पता है कि बिहार में उन्हें मुस्लिम और यादव वोट नहीं करते हैं लिहाजा इनमें से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है जबकि शाहनवाज हुसैन और नवल किशोर यादव के नाम की चर्ची पहले मंत्री बनने की में थी लेकिन अंतिम मुहर इन सात नामों पर लगी। इधर डॉ सुनील को नालंदा से मंत्री बनाकर भाजपा ने नीतीश के कुर्मी समुदाय का गढ माने जाने वाले इलाके में भी सेंधमारी की कोशिश की है।
नीतीश Cabinet में शामिल हुए 7 नए मंत्री, दो ने मैथिली में ली शपथ
हालांकि यह विस्तार सिर्फ लॉलीपॉप की तरह है क्योंकि अक्टूबर में विधानसभा का चुनाव होना है और अगस्त में आचार संहिता लागू हो जायेगी। ऐसे में इन मंत्रियों को अपने विभाग को समझने में ही वक्त बीत जायेगा। हां इतना तय है कि आगामी चुनाव में भाजपा इन मंत्रियों की जाति को यह कहकर रिझाने की कोशिश जरुर करेगी की वे हरेक दल से उपर उठकर हरेक जातियों को सरकार में तरजीह देती है। हालांकि इसका परिणाम क्या होगा इसके लिये अभी आठ महीने का इंतजार करना पड़ेगा।
https://www.youtube.com/@22scopestate/videos