Thursday, June 26, 2025

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CM Yogi ने महाकुंभ मेला स्थल पर शुरू की सफाई, किया संगम का पूजन

प्रयागराज : CM Yogi ने महाकुंभ मेला स्थल पर शुरू की सफाई, किया संगम का पूजन। CM Yogi आदित्यनाथ ने गुरूवार को महाकुंभ मेला के समापन के मेला स्थल पहुंचे।

बीते बुधवार को महाशिवरात्रि पर 45 दिन चले महाकुंभ 2025 का समापन हो गया लेकिन फिर भी प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान के लिए श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है।

आज गुरूवार को CM Yogi आदित्यनाथ महाकुंभ में पूरे समय अपनी ड्यूटी पर तैनात रहे अफसरों, कर्मचारियों और संस्थाओं को सम्मानित करने वाले हैं।

उससे पहले प्रयागराज महाकुंभ मेला स्थल हेलिकॉप्टर से पहुंचते ही CM Yogi संगम त्रिवेणी स्थल गए। यहां पूजन किया। फिर सफाईकर्मियों के साथ खुद ही घाट पर जाकर कचरा उठाने में जुट गए।

CM Yogi ने अरैल घाट पर मेला क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया। महाकुंभ समापन पर मेला क्षेत्र में सफाई अभियान चल रहा है।

रेल मंत्री भी पहुंचे महाकुंभ मेला क्षेत्र

इस बीच गुरूवा को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी महाकुंभ मेला स्थल पहुंचे। मीडिया से मुखातिब होते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि – ‘मैं पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देना चाहता हूं जिनके नेतृत्व में इतना भव्य आयोजन हुआ… सभी के सहयोग से हम घनिष्ठ समन्वय के साथ काम कर पाए, जिसकी वजह से हम 13,000 ट्रेनों की योजना के मुकाबले 16,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन करने में सक्षम हुए।

गुरूवार को महाकुंभ मेला स्थल पहुंचे सीएम योगी
गुरूवार को महाकुंभ मेला स्थल पहुंचे सीएम योगी

…हम महाकुंभ के लिए लगभग 4 से 5 करोड़ श्रद्धालुओं को संगम तक लाने में सक्षम हुए… हमने सुनिश्चित किया कि महाकुंभ के 45 दिनों के दौरान श्रद्धालुओं को रखरखाव के मामले में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।

पीएम नरेंद्र मोदी ने हमें महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था पर विचार करने और उन्हें भीड़ के रूप में न देखने के लिए निर्देशित किया… हम सभी व्यवस्थाओं का विश्लेषण करेंगे और रेलवे संचालन नियमावली में स्थायी बदलाव लाएंगे…’। 

महाकुंभ 2025 में संगम स्नान के दौरान पीएम मोदी की तस्वीर।
महाकुंभ 2025 में संगम स्नान के दौरान पीएम मोदी की तस्वीर।

PM Modi का भावुक लेख : … तो क्षमा करिएगा…

महाकुंभ 2025 के समापन पर भावपूर्ण लहजे में PM Modi ने ब्लॉग लिखा। इसमें  PM Modi ने लिखा है कि – ‘मैं जानता हूं, इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था। मैं प्रार्थना करता हूं मां गंगा से…मां यमुना से…मां सरस्वती से…हे मां हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करिएगा…।

जनता जनार्दन, जो मेरे लिए ईश्वर का ही स्वरूप है, श्रद्धालुओं की सेवा में भी अगर हमसे कुछ कमी रह गई हो, तो मैं जनता जनार्दन का भी क्षमाप्रार्थी हूं।

साथियों, श्रद्धा से भरे जो करोड़ों लोग प्रयाग पहुंचकर इस एकता के महाकुंभ का हिस्सा बने, उनकी सेवा का दायित्व भी श्रद्धा के सामर्थ्य से ही पूरा हुआ है।

यूपी का सांसद होने के नाते मैं गर्व से कह सकता हूं कि योगी जी के नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर, इस एकता के महाकुंभ को सफल बनाया। केंद्र हो या राज्य हो, यहां ना कोई शासक था, ना कोई प्रशासक था, हर कोई श्रद्धा भाव से भरा सेवक था।

हमारे सफाईकर्मी, हमारे पुलिसकर्मी, नाविक साथी, वाहन चालक, भोजन बनाने वाले, सभी ने पूरी श्रद्धा और सेवा भाव से निरंतर काम करके इस महाकुंभ को सफल बनाया। विशेषकर, प्रयागराज के निवासियों ने इन 45 दिनों में तमाम परेशानियों को उठाकर भी जिस तरह श्रद्धालुओं की सेवा की है, वह अतुलनीय है।

मैं प्रयागराज के सभी निवासियों का, यूपी की जनता का आभार व्यक्त करता हूं, अभिनंदन करता हूं।

साथियों, जब मैं काशी चुनाव के लिए गया था, तो मेरे अंतरमन के भाव शब्दों में प्रकट हुए थे, और मैंने कहा था- मां गंगा ने मुझे बुलाया है। इसमें एक दायित्व बोध भी था, हमारी मां स्वरूपा नदियों की पवित्रता को लेकर, स्वच्छता को लेकर। प्रयागराज में भी गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम पर मेरा ये संकल्प और दृढ़ हुआ है।

गंगा जी, यमुना जी, हमारी नदियों की स्वच्छता हमारी जीवन यात्रा से जुड़ी है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि नदी चाहे छोटी हो या बड़ी, हर नदी को जीवनदायिनी मां का प्रतिरूप मानते हुए हम अपने यहां सुविधा के अनुसार, नदी उत्सव जरूर मनाएं।

ये एकता का महाकुंभ हमें इस बात की प्रेरणा देकर गया है कि हम अपनी नदियों को निरंतर स्वच्छ रखें, इस अभियान को निरंतर मजबूत करते रहें।’

महाकुंभ के दौरान संगम स्नान के सूर्य को अर्घ्य देते हुए पीएम मोदी की तस्वीर।
महाकुंभ के दौरान संगम स्नान के सूर्य को अर्घ्य देते हुए पीएम मोदी की तस्वीर।

PM Modi : महाकुंभ में हर श्रद्धालु के धुन में था संगम स्नान

PM Modi ने इसी क्रम में आगे ब्लॉग में लिखा कि –‘बीते 45 दिन, प्रतिदिन, मैंने देखा, कैसे देश के कोने-कोने से लाखों-लाख लोग संगम तट की ओर बढ़े जा रहे हैं। संगम पर स्नान की भावनाओं का ज्वार, लगातार बढ़ता ही रहा। हर श्रद्धालु बस एक ही धुन में था- संगम में स्नान।

मां गंगा, यमुना, सरस्वती की त्रिवेणी हर श्रद्धालु को उमंग, ऊर्जा और विश्वास के भाव से भर रही थी। प्रयागराज में हुआ महाकुंभ का ये आयोजन, आधुनिक युग के मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के लिए, प्लानिंग और पॉलिसी एक्सपर्ट्स के लिए, नए सिरे से अध्ययन का विषय बना है।

आज पूरे विश्व में इस तरह के विराट आयोजन की कोई दूसरी तुलना नहीं है, ऐसा कोई दूसरा उदाहरण भी नहीं है। पूरी दुनिया हैरान है कि कैसे एक नदी तट पर, त्रिवेणी संगम पर इतनी बड़ी संख्या में करोड़ों की संख्या में लोग जुटे।

इन करोड़ों लोगों को ना औपचारिक निमंत्रण था, ना ही किस समय पहुंचना है, उसकी कोई पूर्व सूचना थी। बस, लोग महाकुंभ चल पड़े…और पवित्र संगम में डुबकी लगाकर धन्य हो गए। मैं वो तस्वीरें भूल नहीं सकता…स्नान के बाद असीम आनंद और संतोष से भरे वो चेहरे नहीं भूल सकता।

महिलाएं हों, बुजुर्ग हों, हमारे दिव्यांग जन हों, जिससे जो बन पड़ा, वो साधन करके संगम तक पहुंचा। मेरे लिए ये देखना बहुत ही सुखद रहा कि बहुत बड़ी संख्या में भारत की आज की युवा पीढ़ी प्रयागराज पहुंची।

गुरूवार को महाकुंभ मेला स्थल पर सफाई में जुटे सीएम योगी
गुरूवार को महाकुंभ मेला स्थल पर सफाई में जुटे सीएम योगी

भारत के युवाओं का इस तरह महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए आगे आना, एक बहुत बड़ा संदेश है। इससे ये विश्वास दृढ़ होता है कि भारत की युवा पीढ़ी हमारे संस्कार और संस्कृति की वाहक है और इसे आगे ले जाने का दायित्व समझती है और इसे लेकर संकल्पित भी है, समर्पित भी है।

इस महाकुंभ में प्रयागराज पहुंचने वालों की संख्या ने निश्चित तौर पर एक नया रिकॉर्ड बनाया है, लेकिन इस महाकुंभ में हमने ये भी देखा कि जो प्रयाग नहीं पहुंच पाए, वो भी इस आयोजन से भाव-विभोर होकर जुड़े।

कुंभ से लौटते हुए जो लोग त्रिवेणी तीर्थ का जल अपने साथ लेकर गए, उस जल की कुछ बूंदों ने भी करोड़ों भक्तों को कुंभ स्नान जैसा ही पुण्य दिया। कितने ही लोगों का कुंभ से वापसी के बाद गांव-गांव में जो सत्कार हुआ, जिस तरह पूरे समाज ने उनके प्रति श्रद्धा से सिर झुकाया, वो अविस्मरणीय है।’

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