Saturday, October 25, 2025
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‘रूस पर EU के प्रतिबंधों का कर रहे हैं आकलन, सभी गाइडलाइंस का होगा पालन’, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जारी किया स्टेटमेंट

Desk. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने यूरोपियन यूनियन (EU), यूनाइटेड किंगडम (UK) और यूनाइटेड स्टेट्स (US) द्वारा रूस से कच्चे तेल (Russian Crude Oil) के इंपोर्ट और रिफाइंड प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर लगाए गए नए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया दी है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि रिलायंस इन प्रतिबंधों के असर और नई कंप्लायंस जरूरतों का आकलन कर रही है और EU के दिशानिर्देशों का पालन करेगी।रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के प्रवक्ता का बयान “हमने यूरोपियन यूनियन, यूनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेट्स द्वारा रूस से कच्चे तेल के इंपोर्ट और यूरोप में रिफाइंड प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर हाल ही में...

चौथी सैफ सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2025 का शानदार आगाज, सीएम हेमंत सोरेन बोले- ‘झारखंड के लिए गर्व की बात’

रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम मोरहाबादी में आयोजित चौथी सैफ सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2025 का विधिवत आगाज किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लम्बे समय के बाद चतुर्थ सैफ सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2025 के आयोजन की मेजबानी का अवसर झारखंड प्रदेश को मिला है, यह हमारे राज्य के लिए गर्व और सम्मान की बात है। इस आयोजन में दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों (भारत, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल एवं श्रीलंका) के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इस चैंपियनशिप के सफल आयोजन से राज्य का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रतिष्ठित होगा।अंतरराष्ट्रीय...

इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने वैशाली की सभा में उमड़ी भीड़ के बहाने मोदी – नीतीश से पूछा सवाल

इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने वैशाली की सभा में उमड़ी भीड़ के बहाने मोदी - नीतीश से पूछा सवाल पटना :  इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी जी को संबोधित करते हुये लिखा है देख लीजिए बिहार के युवा सड़कों पर निकल पड़े है। यह दृश्य अभी शाम में वैशाली जिले का है।तेजस्वी आगे लिखा है बिहारी युवाओं को आपकी बीते 20 सालों की घिसी-पिट्टी और बासी बातें नहीं सुननी। मेरे बिहार के युवाओं को आगामी 20 वर्षों का हमारा विज़न सुनना है क्योंकि हमने मिलकर नया बिहार बनाना...

नेपाल के बाद भूकंप से पाकिस्तान में कांपी धरती तो दहशत में आए लोग

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डिजिटल डेस्क : नेपाल के बाद भूकंप से पाकिस्तान में कांपी धरती तो दहशत में आए लोग। शुक्रवार तड़के पौ फटने के काफी पहले ही जब लोग गहरी नींद में थे, तभी भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल में खतरनाक तीव्रता से आए भूकंप ने लोगों को भयभीत कर दिया।

इसके झटके भारत के बिहार समेत नेपाल से सटे सीमावर्ती इलाकों में महसूस किए गए। अभी भू-विज्ञानी नेपाल में आए भूकंप के झटकों के अध्ययन एवं आकलन में ही जुटे थे कि पौ फटने के दौरान शुक्रवार को भारत के दूसरे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भकूंप से धरती कांप उठी।

इससे लोग बेतरह दहशत में आ गए। पाकिस्तान में सुबह 5 बजकर 14 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता 4.5 थी।  वहां भी किसी जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

नेपाल में लगे भूकंप दो जबरदस्त झटके

नेपाल में शुक्रवार तड़के पौ फटने के काफी पहले ही धरती के अंदर भूंकप के तेज झटके लगे। उसके असर बिहार समेत भारत की सीमावर्ती इलाकों के साथ तिब्बत में भी धरती कांपी। इस भूकंप के झटके पूरे हिमालय क्षेत्र में महसूस किए गए।

इस भूकंप के झटके दो बार महसूस किए गए। पहली बार काठमांडु के पास तो दूसरी बार भूकंप बिहार बॉर्डर के पास आया। इससे लोग दहशत में आ गए। जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे तभी शुक्रवार तड़के पड़ोसी देश नेपाल में भूकंप के तेज झटके लगे तो लोग भयाक्रांत हो गए और घरों से बाहर की ओर भागे।

सुबह-सुबह आए झटकों के कारण नेपाल के कई इलाकों, विशेषकर पूर्वी और मध्य क्षेत्रों में लोगों ने भूकंप महसूस किया। NCS (नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी) के मुताबिक, नेपाल में शुक्रवार तड़के रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था।

इस भूकंप का केंद्र हिमालयी राष्ट्र नेपाल के मध्य क्षेत्र में सिंधुपालचौक जिले में था। इस भूकंप का केंद्र धरती से 10 किलोमीटर की गहराई में रहा।

NCS ने बताया कि नेपाल में आए इस भूकंप का केंद्र नेपाल के सिंधुपाल चौक जिले के भैरवकुंड में था। वह यह भूकंप शुक्रवार तड़के लगभग 2.51 बजे (स्थानीय समय) पर आया था।

भूकंप का सांकेतिक चित्रात्मक ब्योरा
भूकंप का सांकेतिक चित्रात्मक ब्योरा

शक्तिशाली था नेपाल में शुक्रवार तड़के आया भूकंप…

शुक्रवार तड़के करीब 2.36 बजे आए भूकंप की तीव्रता जनजीवन को प्रभावित करने वाली थी। बता दें कि 6.1 तीव्रता का भूकंप शक्तिशाली माना जाता है और इससे काफी क्षति हो सकती है। इस दौरान इमारतों में भी दरार पड़ सकती है और जान-माल का भी भारी नुकसान होने का अंदेशा रहता है।

इतनी तीव्रता वाले भूकंप में घर के अंदर की चीजें हिलने लगती हैं और खड़खड़ाहट की आवाज होती है। नेपाल के विनाशकारी भूकंपों के इतिहास को देखते हुए, अधिकारियों ने निवासियों को संभावित झटकों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है।

इतनी तीव्रता वाले भूकंप के झटकों से पर्वतीय देश नेपाल में कई बार जानमान के नुकसान हो चुके हैं। इसी कारण लोगों में ज्यादा दहशत का माहौल बना हुआ है। बहरहाल, सरकार और प्रशासन की ओर से सभी सतर्कतामूलक कदम उठाए जा रहे हैं एवं नागरिकों को सचेत रहने के लिए कहा जा रहा है।

नेपाल में शुक्रवार तड़के आए भूकंप से एक दिन पहले बीते गुरूवार के तड़के भारत के  असम में भूकंप के तेज झटकों से धरती कांप उठी थी। कंपन इतना तेज था कि लोग मारे डर के घरों में बाहर निकल भागे।

असम के मोरीगांव इलाके में गुरुवार की सुबह 2.25 बजे तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर उस भूकंप की तीव्रता 5 मापी गई। असम में गुरूवार को आए भूकंप के बारे में राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कुछ जानकारियां साझा की थी।

उसके मुताबिक, असम के मोरीगांव इलाके में आए भूकंप की तीव्रता 5.0 मापी गई थी। वह भूकंप 16 किलोमीटर गहराई में आया था। इस साल के पहले माह से ही राजधानी दिल्ली से लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप के झटके लगे हैं।

भूकंप का सांकेतिक चित्र
भूकंप का सांकेतिक चित्र

बीते 22 फरवरी नेपाल, यूपी – उत्तराखंड में महसूस हुए थे झटके

इससे पहले बीते 22 फरवरी को भी भूकंप के झटकों महसूस किए गए थे। तब नेपाल के अलावा उत्तराखंड और यूपी में लखनऊ तक भूकंप का असर महसूस किया गया था।

उस झटके के बारे में लखनऊ के आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र ने पुष्ट किया था कि भूकंप का केंद्र लखनऊ से 310 किलोमीटर उत्तर उत्तर पूर्व की ओर था। उत्तराखंड में जोशीमठ के पास भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

राजधानी दिल्ली में बीते 17 फरवरी को भयानक भूकंप ने दस्तक दी। राजधानी दिल्ली में तब लोग सुबह के अलार्म से नहीं बल्कि डर और दहशत से जागे थे क्योंकि तब उनका बेड तेजी से हिलने लगा, खिड़कियां और दरवाजे आवाज करने लगे।

राजधानी दिल्ली में बीते 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर यह झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर उस भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई थी। तब भूकंप के झटके कई सेकेंड तक महसूस किए गए। उस भूकंप का केंद्र दिल्ली के धौला कुआं में धरती से 5 किलोमीटर की गहराई में था।

भूकंप का सांकेतिक चित्रात्मक ब्योरा
भूकंप का सांकेतिक चित्रात्मक ब्योरा

उससे पहले भी पिछले ही महीने 24 जनवरी को असम में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब रिक्टर स्केल पर 4.8 तीव्रता मापी गई थी, जोकि हल्का भूकंप था। उससे भी लोगों में दहशत फैल गई थी, लेकिन किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ था और ना ही कोई हताहत हुआ था।

NCS (नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी) के मुताबिक, तब पिछली बार शुक्रवार आधी रात को पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ हिस्सों में झटके महसूस किए गए थे।

उस समय NCS ने बताया था कि भूकंप का केंद्र म्यांमार में पृथ्वी की सतह से 106 किमी की गहराई पर था। भूकंप के झटके पूर्वोत्तर राज्यों के कई हिस्सों में महसूस किए गए थे।

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