डिजिटल डेस्क : Share Market में निवेशकों के आज भी डूबे 6 लाख करोड़ रुपये। शेयर बाजार में फरवरी महीने के आखिरी दिन भी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान पर खुले।
मार्केट में भारी गिरावट के साथ कामकाज की शुरुआत हुई। सुबह 9 बजकर 50 मिनट पर सेंसेक्स 940.77 (1.26%) अंक गिरकर 73,703.80 के स्तर पर पहुंच गया। दूसरी ओर, निफ्टी 272.96 (1.21%) अंक टूटकर 22,272.10 पर कारोबार करता दिखा।
बीते दिन 27 फरवरी 2025 को बीएसई पर लिस्टेड सभी शेयरों का कुल मार्केट कैप 3,93,10,210.53 करोड़ रुपये था।
आज यानी 28 फरवरी 2025 को मार्केट खुलने पर गिरकर यह 3.87 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। यानी कि निवेशकों की पूंजी 6 लाख करोड़ से ज्यादा डूब गई है।
Share Market में खून के आंसू रो रहे निवेशक
चालू फरवरी माह ने दुनियाभर में Share Market में निवेशकों को खून के आंसू रुला दिए हैं। महीने आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भी बाजार में निवेशकों को राहत मिलती नहीं दिख रही है।
निफ़्टी का कोई भी इंडेक्स शुक्रवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान अपर नहीं दिखा। निफ्टी-सेंसेक्स ने अपने अहम स्तरों को तोड़ दिया। निफ्टी 22300 के नीचे चला गया है। खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स में 900 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है।
इस गिरावट से बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 5.8 लाख करोड़ रुपये घटकर 387.3 लाख करोड़ रुपये रह गया। हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक 2.3% गिरकर 23,175.49 पर आ गया, जबकि शंघाई कम्पोजिट सूचकांक 0.9% गिरकर 3,358.28 पर आ गया।
दक्षिण कोरिया का कोस्पी 3.2% गिरकर 2,538.07 पर आ गया। ऑस्ट्रेलिया में, एसएंडपी/एएसएक्स 200 1.1% गिरकर 8,174.10 पर आ गया। इससे भारतीय शेयर बाजार में आज मार्केट खुलते ही निवेशकों के 5.8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रुपये डूब गए।

539 शेयरों में तेजी और 1702 शेयरों में दिखी गिरावट
सेंसेक्स 686.45 अंक की गिरावट के साथ 73,925.98 पर और निफ्टी 219.85 अंक की गिरावट के साथ 22,325.20 पर खुला। इस दौरान करीब 539 शेयरों में तेजी, 1702 शेयरों में गिरावट देखने को मिली।
सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, इंफोसिस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और मारुति के शेयर सबसे ज्यादा नुकसान में रहे। रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक के शेयर मुनाफे में रहे।
टोक्यो का निक्केई 225 सूचकांक 3.4% गिरकर 36,939.89 पर आ गया। यह गिरावट प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों की कीमतों में गिरावट के कारण आई।
कंप्यूटर चिप परीक्षण उपकरण निर्माता एडवांटेस्ट में 9.4% की गिरावट आई, एक अन्य उपकरण निर्माता डिस्को कॉर्प में 11.1% की गिरावट आई और टोक्यो इलेक्ट्रॉन में 5.3% की गिरावट आई।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73.69 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर सपाट रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 556.56 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

Share Market में तबाही के पीछे हैं एकाधिक वजहें…
Share Market में तबाही के पीछे कई वजहें मानी जा रही हैं। इसमें सबसे बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का नया टैरिफ ऐलान, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और भारत की तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े हैं।
Share Market के क्रैश होने के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फैसला है। दरअसल, ट्रंप ने 27 फरवरी को ऐलान किया था कि मैक्सिको और कनाडा से आने वाले सामान पर 25% टैरिफ और चीन से आने वाले सामान पर 10% अतिरिक्त शुल्क 4 मार्च से लागू होगा।
उनके इस फैसले से ग्लोबल बाजार में हलचल मच गई जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार भारतीय बाजारों में बिकवाली कर रहे हैं, जिससे गिरावट तेज हो रही है।

देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े नए आंकड़े जारी होने वाले हैं जो Share Market को प्रभावित कर रहे हैं। इससे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है। जानकारों का मानना है कि इकोनॉमी के मुकाबले भारतीय बाजार अभी काफी ओवरवैल्यूड हैं और स्टॉक्स काफी महंगे हैं।
इस बीच सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो ये है कि बीते 4 महीनों से जारी गिरावट के चलते कई स्टॉक्स 50 फीसदी से ज्यादा तक गिर चुके हैं।
Share Market विषेशज्ञों ने बाजार में अभी भी और गिरावट की आशंका जताई है। उनका कहना है कि अभी स्टॉक्स महंगे होने के कारण बाजार और भी गिर सकता है।
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