कागजों पर चल रही नल जल योजना, ग्रामीण लगा रहे करोड़ों की लूट का आरोप

सहरसा : बिहार सरकार ने अपने सात निश्चय योजना के तहत एक योजना लागू यह किया गया कि हर घर को स्वच्छ पानी मिले और इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु हर पंचायत के हर वार्ड में पानी टंकी स्थापित किया. प्रत्येक परिवार में नल का जल मिले इसको लेकर हर घर में नल संवेदक के द्वारा लगाया गया. लेकिन आज तक लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल सका है, और जनता स्वच्छ पानी पीने से वंचित है.

सहरसा जिला अंतर्गत सत्तरकटैया प्रखंड के बिहरा पंचायत में संचालित वार्ड नंबर 06 में पानी टंकी लगभग दो वर्ष पहले स्थापित हुआ. लोगों को महज दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी स्वच्छ पानी नशीब नहीं हुआ. यही नहीं इस पानी टंकी से जो विभिन्न जगह नल लगाया गया वह भी सूखा पड़ गया और पानी का लगा नल शोभा की वस्तु बन कर रह गया है.

लोगों का कहना है कि शुरुआत में एक-दो महीने लोगों को पानी मिला, लेकिन वह पानी भी स्वच्छ नहीं था. जब इस मसले को लेकर हम लोग पंप चालक से बात करते हैं तो उनका कहना होता है बिजली नहीं है. कुल मिलाकर यह योजना लगभग धरातल पर फैल है, हम लोग नल के बदले चापाकल अथवा खरीद कर पानी का सेवन करते हैं.

ग्रामीण गोपेश्वर पांडेय ने बताया कि यह तो लूट खसोट की योजना है. नीतीश कुमार की यह लूट-खसोट योजना हैं और कुछ नहीं है. नीतीश सरकार को रुपया चाहिए और कोई योजना नहीं है. इस व्यव्यस्था के माध्यम से सरकार अपनी खजाने को भरने में लगी है. कभी कहती है कि रिचार्ज नहीं है, कभी कहती है कि यह परेशानी है, कुल मिलाकर यह सिर्फ और सिर्फ लूट खसोट योजना है. करोड़ों रुपये जो इस योजना पर खर्च हुआ इससे अच्छा था हर घर में एक आरओ लगवा दिया जाता, लेकिन नीतीश कुमार को अपना जेब भरना है तो लूट के इस तरह खजाने को भर रहे हैं यह योजना ढाक के तीन पात साबित हो रहे हैं.

रिपोर्ट : राजीब झा

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