रांची: राजधानी रांची के कांके क्षेत्र में करीब 200 एकड़ जमीन से जुड़े फर्जी दस्तावेजों और अवैध खरीद-बिक्री के मामले की जांच अब झारखंड सीआईडी करेगी। इस संबंध में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने आदेश जारी किया है। केस की शुरुआत 19 मार्च 2025 को ग्राम चामा निवासी घोड़े उरांव की शिकायत पर कांके थाना में हुई एफआईआर से हुई थी, जिसमें पांच एकड़ जमीन के दस्तावेज में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया था।
मामले की तह में जाने पर बड़ा खुलासा हुआ और सामने आया कि यह सिर्फ पांच एकड़ का नहीं, बल्कि पूरे 200 एकड़ जमीन का फर्जीवाड़ा है।
रप्यूटर ऑपरेटर के कबूलनामे से खुली बड़ी साजिश
कांके अंचल कार्यालय के तत्कालीन कंप्यूटर ऑपरेटर प्रवीण जायसवाल की स्वीकारोक्ति से पूरे खेल का पर्दाफाश हुआ। प्रवीण ने बताया कि वह कमलेश सिंह (जो फिलहाल ईडी के मामले में जेल में है) के कहने पर झारभूमि पोर्टल पर जमीन का नेचर बदलने में मदद करता था।
इसमें एनआईसी (NIC) के कर्मियों, कांके अंचल के सीआई, सीओ और अन्य कर्मी शामिल थे। उन्होंने आदिवासी जमीन को गैर-आदिवासी, सरकारी जमीन को गैर सरकारी और भुइहरी जमीन को सामान्य भूमि की श्रेणी में ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से छेड़छाड़ कर दिखा दिया था।
झारभूमि पोर्टल और संदिग्ध रजिस्टर-02 का हुआ दुरुपयोग
पूरे फर्जीवाड़े की नींव झारखंड सरकार के भू-अभिलेख पोर्टल ‘झारभूमि’ पर तैयार की गई थी। प्रवीण जायसवाल ने खुलासा किया कि जब जमीन के नेचर में बदलाव किया जाता था तो झारभूमि पोर्टल पर नोटिफिकेशन भेजा जाता था, जिसे वह मंजूरी दे देता था।
म्यूटेशन के समय पोर्टल पर ‘संदिग्ध रजिस्टर-02’ का विकल्प आता था, जिससे फर्जी प्रविष्टियां की जाती थीं। बाद में अफवाह फैलाई जाती थी कि पोर्टल हैक हो गया है।
कांके रिसॉर्ट से जुड़ी 200 एकड़ जमीन का भी फर्जी कब्जा
इस पूरे घोटाले में कांके रिसॉर्ट के आसपास की करीब 200 एकड़ जमीन को टारगेट किया गया था। दस्तावेजों में गड़बड़ी कर कमलेश सिंह और बीके सिंह को जमीन पर अवैध कब्जा दिलाया गया।
एनआईसी कर्मचारी शमसुद्दीन उर्फ समीउद्दीन इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड था, जिसकी मदद से कई जमीनों के नेचर में बदलाव किया गया।
जेल भेजे गए कई आरोपी, जांच में नाम आने पर और गिरफ्तारियां संभव
इस मामले में अब तक उमेश टोप्पो, प्रवीण जायसवाल (कंप्यूटर ऑपरेटर), और मो. शाहरूख खान को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। केस में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें शामिल हैं:
उमेश टोप्पो
शंकर कुजूर
राजेश लिंडा
कमलेश सिंह
रंजीत टोप्पो
कुन्ना टोप्पो
सूरज टोप्पो
मादी टोप्पो
कांके रिसॉर्ट के मालिक ब्रजेश कुमार सिंह उर्फ बीके सिंह
कांके अंचल कार्यालय के अधिकारी-कर्मी
अन्य अज्ञात व्यक्ति
सीआईडी अब इस पूरे मामले की विस्तृत तकनीकी और दस्तावेजी जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जांच के बाद और भी उच्चस्तरीय अधिकारियों और कर्मियों के नाम उजागर हो सकते हैं।
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