रांची: झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद रांची नगर निगम (RMC) में भवन नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। निगम प्रशासन ने हाईकोर्ट की फटकार के बाद गुरुवार को त्वरित कार्रवाई करते हुए भवन नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया में लगाए गए लीगल एडवाइजर को हटा दिया है। प्रशासक सुशांत गौरव के निर्देश पर अब नक्शा पास कराने के आवेदन से संबंधित दस्तावेजों की जांच पूर्व की तरह नगर निगम के स्थायी लीगल अफसर ही करेंगे।
बता दें कि पूर्व में नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया में एक वरीय अधिकारी को लीगल एडवाइजर के रूप में नियुक्त किया गया था। इस व्यवस्था में व्यापक अनियमितताएं सामने आईं। आवेदकों को बार-बार आपत्ति और स्पष्टता के नाम पर कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था। अनावश्यक आपत्तियां लगाकर कई महीनों तक फाइलें लंबित रखी जाती थीं। इससे कई आवेदनों की स्वीकृति में तीन से छह महीने तक का समय लगने लगा था।
जब यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा, तो अदालत ने रांची नगर निगम की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रशासक को तलब किया और स्पष्ट निर्देश दिया कि पूर्ववर्ती प्रक्रिया बहाल की जाए। अदालत के इस हस्तक्षेप के बाद नगर निगम ने अविलंब व्यवस्था में सुधार किया है।
निगम अधिकारियों का कहना है कि इससे नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया पारदर्शी होगी और आवेदकों को अनावश्यक देरी व शोषण से राहत मिलेगी।