जमशेदपुर: जमशेदपुर की बेटी अंकिता ने JPSC की परीक्षा में 30वीं रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि दृढ़ इच्छाशक्ति और परिवार का सहयोग हो तो शादी के बाद भी महिलाएं अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं।
अंकिता का सफर आसान नहीं था। उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी वर्ष 2013 में UPSC से शुरू की थी। छह बार प्रयास करने के बाद भी जब सफलता नहीं मिली तो वे बैंक पीओ और एलआईसी जैसी नौकरियों के लिए चयनित हुईं, लेकिन उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना नहीं छोड़ा।
उन्होंने बताया, “मेरे पापा हमेशा कहते थे कि बेटी को प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहिए। मैंने उनका सपना पूरा करने की ठानी। शादी के बाद जब जिम्मेदारियां बढ़ीं, तब मेरे पति ने मुझे फिर से जेपीएससी के लिए प्रेरित किया और कहा कि UPSC की तैयारी की है तो यह ‘केक वॉक’ होगा।”
अंकिता ने बताया कि पति के सहयोग और प्रोत्साहन के बिना यह संभव नहीं हो पाता। “रात में पढ़ाई और दिन में पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए मैंने यह परीक्षा पास की। यह मेरा पहला JPSC अटेम्प्ट था और मैं खुश हूं कि इसमें सफलता मिली।”
अंकिता की सफलता पर उनके पति ने कहा, “हमने नजदीक से देखा है कि उन्होंने कितनी मेहनत की है। कठिन समय भी आया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। मुझे गर्व है कि झारखंड को एक नैतिक और विजनरी अधिकारी मिलने जा रही है।”
अंकिता को सम्मानित करने पहुंचे स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पारिवारिक शुभचिंतकों ने भी उनके संघर्ष को सराहा। एक पारिवारिक मित्र ने कहा, “मैं नेता नहीं, इस घर का बेटा हूं। अंकिता के संघर्ष को शुरू से देखा है और आज उनकी सफलता ने पूरे राज्य का नाम रोशन किया है।”
JPSC में 30वां रैंक लाकर अंकिता ने न केवल अपने माता-पिता और पति का सपना पूरा किया, बल्कि पूरे जमशेदपुर और झारखंड के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं। अब वे प्रशिक्षण लेकर एक जिम्मेदार और संवेदनशील अधिकारी के रूप में कार्य करेंगी।