रांची: झारखंड में शिक्षक नियुक्ति विवाद से जुड़ी राज्यस्तरीय मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली 252 याचिकाओं पर झारखंड हाईकोर्ट अब अलग-अलग सुनवाई करेगा। शुक्रवार को जस्टिस दीपक रोशन की एकलपीठ ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि 31 जुलाई से प्रतिदिन इन मामलों की सुनवाई होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि सुनवाई के दौरान सरकार के सक्षम अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी, ताकि मामलों का शीघ्र निपटारा हो सके।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील अजीत कुमार और चंचल जैन ने कोर्ट को सुझाव दिया कि सभी याचिकाओं की जांच के लिए एक सलाहकार आयोग गठित कर दिया जाए, जो समेकित रूप से रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे। हालांकि, राज्य सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आयोग गठित करना आवश्यक नहीं है, क्योंकि नियुक्ति से संबंधित सभी दस्तावेज राज्य सरकार और जेएसएससी के पास उपलब्ध हैं, जिन्हें कोर्ट में प्रस्तुत किया जा सकता है।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि शिक्षक नियुक्ति में तैयार की गई मेरिट लिस्ट सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेशों के अनुरूप नहीं है। इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने दो प्रकार के टेबुलर चार्ट मांगे थे। पहले चार्ट में याचिकाकर्ताओं के नाम, विषय, कोटि, प्राप्तांक और अंतिम चयनित अभ्यर्थी का अंक शामिल करने को कहा गया था। वहीं, दूसरे चार्ट में विषय, कोटि के अनुसार 18 सितंबर 2019 तक नियुक्त अभ्यर्थियों की संख्या और 19 सितंबर 2019 से 2 अगस्त 2022 तक की नियुक्तियों का ब्यौरा मांगा गया था। लेकिन अदालत को अभी तक दूसरा चार्ट उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिससे कोर्ट ने नाराजगी भी जताई।
अब 31 जुलाई से हर याचिका की अलग-अलग सुनवाई की जाएगी, जिससे इस लंबे विवाद का हल निकाला जा सके।