रांची: झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को बहुचर्चित शराब घोटाला मामले के आरोपी आईएएस अधिकारी विनय चौबे की याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को निर्देश दिया कि वह 30 जुलाई तक इस मामले में पूरक शपथपत्र दाखिल करे। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि यदि एजेंसी के पास कोई अतिरिक्त तथ्य या जानकारी है, तो उसे नियत समय में प्रस्तुत किया जाए।
सुनवाई के दौरान एसीबी की ओर से पहले दाखिल किए गए जवाब को वापस लेने के लिए हस्तक्षेप याचिका दायर की गई, लेकिन अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि दस्तावेजी प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियमों का अनुपालन आवश्यक है।
आईएएस विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश आजमानी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी में कानूनी प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पूर्व कारण बताने की जो बाध्यता है, उसका पालन नहीं किया गया। अतः उनकी गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए रद्द किया जाए।
वहीं, एसीबी की ओर से इन दलीलों का विरोध किया गया और कहा गया कि गिरफ्तारी उचित प्रक्रिया के तहत की गई है। जानकारी हो कि छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले की जांच के क्रम में रांची एसीबी ने 2024 में प्रारंभिक जांच शुरू की थी, जिसके बाद आईएएस विनय चौबे समेत कई अन्य पर आरोप सही पाए गए। इसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर 20 मई को विनय चौबे और तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
अब यह मामला हाईकोर्ट के समक्ष विचाराधीन है और इसकी अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी।