रांची: इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व विशेष और शुभ संयोग के साथ मनाया जाएगा। श्रावण मास की पूर्णिमा सामान्यतः व्रत, स्नान और दान के साथ ही रक्षाबंधन का पर्व भी लाती है। लेकिन इस बार तिथि में अंतर के कारण व्रत की पूर्णिमा 8 अगस्त को मनाई जाएगी, जबकि रक्षाबंधन और स्नान-दान की पूर्णिमा 9 अगस्त को शनिवार के दिन मनाई जाएगी।
इस दिन गुरु और शुक्र की युति, चंद्रमा का शनि की राशि कुंभ में विराजमान होना, और श्रावण मास का समापन एक विशेष शनिवार को होना—इन सबके योग से रक्षाबंधन का पर्व अत्यंत शुभ बन गया है। बहनें सूर्योदय के बाद पूरे दिन भाइयों को राखी बांध सकेंगी और उनकी लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सफलता की कामना करेंगी।
इस दिन श्रवण नक्षत्र के साथ आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और जयद योग का संयोग रहेगा, जो इस पर्व को अत्यधिक फलदायी बनाता है। शनिवार के दिन यदि श्रवण नक्षत्र हो तो वह विशेष रूप से पूजनीय माना जाता है।
रांची शहर के बाजारों में रक्षाबंधन की रौनक दिखाई दे रही है। अपर बाजार, लालपुर, डोरंडा, मेन रोड सहित कई इलाकों की दुकानों में विभिन्न प्रकार की राखियों की भरमार है। इस बार भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की छवियों वाली राखियों की विशेष मांग है। साथ ही खादी राखी, बांस से बनी राखियां और चांदी की राखियों की भी डिमांड बढ़ी है। राखियों की कीमत 5 रुपए से लेकर 500 रुपए तक है।
इस वर्ष रक्षाबंधन सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि दुर्लभ ज्योतिषीय संयोगों के कारण एक विशेष उत्सव बनने जा रहा है, जिसमें बहनें पूरे दिन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके जीवन की मंगलकामना करेंगी।