रांची : गोड्डा जिले में सूर्या हांसदा के पुलिस एनकाउंटर मामले को लेकर झारखंड की सियासत गरमा गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे एनकाउंटर नहीं बल्कि “हत्या” करार दिया है और इस घटना की जांच के लिए सात सदस्यीय जांच दल का गठन किया है।
इस टीम में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही, पूर्व सांसद सुनील सोरेन, पूर्व विधायक अमित मंडल, पूर्व विधायक रणधीर सिंह और अनिता सोरेन शामिल हैं। यह टीम 17 अगस्त को सूर्या हांसदा के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर घटना की जानकारी जुटाएगी।
भाजपा का आरोप और विरोधाभास
मरांडी ने दावा किया कि पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति और दर्ज प्राथमिकी में बड़ा विरोधाभास है।
एफआईआर के अनुसार, हांसदा को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस जब उसे लेकर पहाड़ी के पास पहुंची तो उसके साथियों ने घात लगाकर हमला किया। इसी दौरान हांसदा ने एक जवान की राइफल छीन ली और भागने की कोशिश की।
जबकि प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि पुलिस पहले से तलाशी अभियान चला रही थी, तभी हांसदा के दस्ते ने गोलीबारी शुरू कर दी और इसी दौरान उसने राइफल छीनी।
मरांडी ने सवाल उठाया कि एक ही घटना की दो अलग-अलग कहानियां कैसे हो सकती हैं?
सीबीआई जांच की मांग
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की। उन्होंने सीआईडी जांच पर भरोसा जताने से इनकार करते हुए कहा, “दूध की रखवाली बिल्ली को नहीं सौंपी जा सकती।”
भाजपा का कहना है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच तभी संभव है जब इसे सीबीआई को सौंपा जाए।
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