Desk. नेपाल में Gen-Z आंदोलन के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट के बीच पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। वह नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी है। उन्हें राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शपथ दिलाई है।
यह निर्णय आज राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल और Gen-Z आंदोलन के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक के बाद लिया गया। इसके बाद राष्ट्र में संसद भंग करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। बता दें, सुशीला कार्की नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं।
सुशीला कार्की का चीफ जस्टिस से प्रधानमंत्री तक का सफर
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। वह भ्रष्टाचार और पारदर्शिता के मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाने के लिए जानी जाती हैं। साथ ही वह न्यायपालिका में उनके कार्यकाल को न्यायिक सक्रियता के रूप में याद किया जाता है। उनकी अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति को जनता के एक बड़े वर्ग की उम्मीदों का प्रतीक माना जा रहा है।
नेपाल में हिंसक प्रदर्शन से राजनीतिक संकट
नेपाल में हाल के दिनों में सोशल मीडिया बैन, भ्रष्टाचार के खिलाफ नाराजगी और जन प्रतिनिधियों की कार्यशैली के खिलाफ विरोध तेज हुआ। आंदोलन का नेतृत्व मुख्यतः Gen-Z युवा समूहों द्वारा किया जा रहा है। इस बीच, आंदोलन को कवर करने गए भारतीय पत्रकारों पर हमलों की खबरें भी सामने आई हैं। आज भी दो पत्रकारों के साथ मारपीट और बदसलूकी की गई।
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