Patna– झारखंड में भोजपुरी, मगही और अंगिका के विरोध के बीच पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी भोजपुरी मगही के पक्ष में मोर्चा खोल दिया है.
नीतीश कुमार ने कहा है कि अचरज इस बात से होता है कि आखिर किस आधार पर झारखंड में भोजपुरी, मगही का विरोध किया जा रहा है. जबकि झारखंड विभाजन के पहले तक दोनों ही हिस्सों में भोजपुरी, मगही बोली जाती थी. दोनों हिस्सों में इन भाषाओं के बोलने वाले निवास करते हैं. आखिर इस बात क्यों हवा दी जा रही है. भाषा विवाद को हवा देकर झारखंड को नुकसान पहुंचाया सकता है. इस प्रकार के किसी भी विवाद से बचना चाहिए.
बता दें कि इसके पहले डोरंडा कोषागार घोटाले में रांची पहुंचे लालू प्रसाद यादव ने भी भोजपुरी के पक्ष में बयान देते हुए कहा था कि भोजपुरी मगही बोलने वालों को किसी से डरने की जरुरुत नहीं है. इन भाषाओं को यहां से हटाया नहीं जा सकता. अब इसके बाद एक बार नीतीश कुमार भी भोजपुरी के पक्ष में उतर गये हैं.
देखना होगा कि झारखंंड में जारी भाषा विवाद क्या रंग लेता है, खास कर तब जब बिहार के राजनेता एक-एक कर इसके पक्ष में उतर रहे हैं. क्या यह सिर्फ जुबानी समर्थन होगा या वाकई में इसके लिए कोई जमीनी आन्दोलन की शुरुआत होती है.