Jamshedpur-कांग्रेसी नेता और पूर्व सांसद डॉ अजय कुमार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर सरकारी नौकरियों के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं में हिन्दी भाषा को अनिवार्य भाषा सूची में रखने का आग्रह किया है.
डॉ अजय कुमार ने लिखा है कि हिंदी राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में भी शिक्षा का मुख्य माध्यम है, हिंदी को अनिवार्य भाषा श्रेणी की सूची से बाहर रखना हिंदी भाषा-भाषी स्थानीय लोगों के साथ अन्याय होगा. नियुक्तियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, लेकिन इस मामले का समाधान हिंदी को सामान्य भाषा की श्रेणी से हटाना नहीं है. इससे स्थिति और भी खराब होगी. स्थानीय लोगों को नियुक्ति में प्राथमिकता देने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है. जिसमें सिर्फ स्थानीय निवासी ही आवेदन कर सकेंगे.
डॉ अजय ने दावा किया कि उनके द्वारा ही सरकार को पत्र लिख कर भोजपुरी, मैथिली, मगही और अंगिका को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल करने का आग्रह किया गया था, क्योंकि इन भाषाओं की लिपि भी देवनागरी ही है.
बता दें कि भोजपुरी, मगही और दूसरे भाषाओं को लेकर राज्य के कई हिस्सों में धरना प्रर्दशन हो रहा है, खास कर धनबाद, बोकारो में विरोध का स्वर और भी तेज है. लेकिन इसके विरोध में राज्य के दूसरे हिस्सों में भोजपुरी मगही भाषा भाषी भी विरोध जता रहे हैं और सरकार से इन भाषाओं को स्थानीय भाषा की श्रेणी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं.
रिपोर्ट- प्रतीक