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Sunday, October 12, 2025
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आंखों की सुरक्षा पर विशेषज्ञों की सलाह, आंख में आए पानी तो न करें नजरअंदाज

पटना : पटना ऑप्थेल्मोलॉजी सोसाइटी के द्वारा संजीवनी आई हॉस्पिटल रिसर्च इंस्टिट्यूट किदवईपुरी पटना में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें मोतियाबिंद के इलाज के नवीनतम तरीकों पर गहन चर्चा की गई। जिसमें विशेषज्ञों ने आंखों को सुरक्षित रखने और संक्रमण से आंखों की रोकथाम को लेकर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने नेत्र संक्रमण के लक्षण, सावधानियां व उपचार आदि के बारे में जानकारी दी। संगोष्ठी में राज्यभर से सरकारी, गैर सरकारी नेत्र चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि डॉ. एएसबी साहय ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सक के पास अपने विषय में दक्षता...

मुंगेर विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह अलर्ट मोड में जिला पुलिस प्रशासन

मुंगेर : मुंगेर विधानसभा चुनाव को लेकर जिला पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है। यही कारण है कि लगातार दो दिनों के अंदर जिला के दो विधानसभा क्षेत्र में सात लाख 69 हजार 500 रुपया को बरामद किया। जिसके बाद इस रुपया को पुलिस के द्वारा राज्य कर संयुक्त आयुक्त को सौंप दिया गया।3 विधानसभा क्षेत्र में आगमी 6 नवंबर को चुनाव होना है मुंगेर जिला अंतर्गत तीन विधानसभा क्षेत्र में आगमी छह नवंबर को चुनाव होना है। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुका है। ऐसे में नेता जनता के वोट को खरीदने के लिए पैसों...

Sarath: अजय नदी पुल के पास पेड़ से लटकता मिला युवक का शव, इलाके में सनसनी

Deoghar: जिले के सारठ (Sarath) थाना क्षेत्र में उस समय सनसनी फैल गई, जब दुनवाडीह अजय नदी पुल के समीप एक पेड़ से लटकता हुआ युवक का शव बरामद किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही पूरे क्षेत्र में यह चर्चा का विषय बन गया है।सूचना मिलने पर सारठ थाना प्रभारी सूरज कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।  पुलिस हर पहलू से कर रही जांच : जानकारी के अनुसार सारठ की कुछ महिलाएं अजय नदी में स्नान करने गई थीं। तभी उन्होंने देखा...

Ghatsila Bypoll 2025: झारखंड की राजनीति का टर्निंग पॉइंट? कांग्रेस-झामुमो गठबंधन बनाम भाजपा की कड़ी टक्कर

घाटशिला उपचुनाव 2025 झारखंड की राजनीति में अहम मोड़ बन सकता है। कांग्रेस-झामुमो गठबंधन और भाजपा के बीच आदिवासी मतों की निर्णायक लड़ाई तेज।


Ghatsila Bypoll 2025 रांची: झारखंड की राजनीति में घाटशिला विधानसभा उपचुनाव 2025 सिर्फ एक सीट की लड़ाई नहीं, बल्कि सत्ता समीकरणों की दिशा तय करने वाला अहम मोड़ बन चुका है। यह चुनाव झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)-कांग्रेस गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सीधी टक्कर में बदल गया है।


Ghatsila Bypoll 2025 घाटशिला सीट का जनसांख्यिकीय और राजनीतिक समीकरण

पूर्वी सिंहभूम जिले की यह सीट आदिवासी बहुल इलाका है। यहां लगभग 62% मतदाता अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं, जबकि ओबीसी और दलित वर्ग की संख्या भी उल्लेखनीय है। 2019 में झामुमो के रामदास सोरेन ने भाजपा उम्मीदवार को करीब 12 हजार वोटों से हराया था। अब उसी सीट पर उपचुनाव की घोषणा के साथ दोनों दलों ने अपनी रणनीति तेज कर दी है।


Key Highlights 

  • घाटशिला सीट पर आदिवासी जनसंख्या निर्णायक भूमिका में

  • कांग्रेस-झामुमो गठबंधन बनाम भाजपा का सीधा मुकाबला

  • 2019 में भाजपा की हार के बाद उपचुनाव का नया समीकरण

  • स्थानीय मुद्दे जैसे विस्थापन, रोजगार और शिक्षा हावी

  • महिला और युवा मतदाता इस बार खेल बदल सकते हैं


Ghatsila Bypoll 2025 भाजपा का मिशन रिकवरी

2019 की हार के बाद भाजपा के लिए घाटशिला प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। पार्टी इस बार स्थानीय चेहरा आगे कर “विकास और सुरक्षा” के मुद्दे को प्रमुखता दे रही है। भाजपा प्रदेश नेतृत्व का फोकस गांव-गांव तक बूथ प्रबंधन मजबूत करने और आदिवासी मतदाताओं में पैठ बनाने पर है।

Ghatsila Bypoll 202 झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की रणनीति

गठबंधन इस उपचुनाव को “जनता बनाम भाजपा” की लड़ाई के रूप में पेश कर रहा है। झामुमो अपने पारंपरिक आधार – आदिवासी और ग्रामीण वर्ग – पर टिके रहना चाहता है, वहीं कांग्रेस शहरी और ओबीसी वोट बैंक को साधने की कोशिश में है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लोकप्रियता और क्षेत्र में चल रहे कल्याणकारी योजनाओं को प्रमुख मुद्दा बनाया गया है।

Ghatsila Bypoll 2025 स्थानीय मुद्दे बनाम राष्ट्रीय विमर्श

घाटशिला में विकास, विस्थापन, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, रोजगार और शिक्षा सबसे अहम मुद्दे हैं। हालांकि भाजपा इन मुद्दों के साथ-साथ “मोदी बनाम भ्रष्टाचार” का नैरेटिव भी चला रही है, जबकि गठबंधन “स्थानीय विकास बनाम बाहरी राजनीति” की लाइन पर जोर दे रहा है।

महिला और युवा मतदाताओं की भूमिका

इस बार घाटशिला में महिला और युवा मतदाता चुनावी परिणाम को निर्णायक बना सकते हैं। पिछले दो चुनावों में इन वर्गों की मतदान दर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई थी। राज्य सरकार की महिला-केंद्रित योजनाएं जैसे ‘सखी मंडल’, ‘कन्यादान योजना’ और रोजगार कार्यक्रम इस वर्ग को प्रभावित कर रहे हैं।

संभावित असर और राजनीतिक भविष्य

विशेषज्ञों का मानना है कि घाटशिला उपचुनाव का परिणाम 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए संकेतक साबित हो सकता है। अगर भाजपा यहां वापसी करती है, तो झारखंड में विपक्ष का मनोबल बढ़ेगा। वहीं झामुमो-कांग्रेस की जीत गठबंधन की स्थिरता और राज्य में उसकी पकड़ को मजबूत करेगी।

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