झारखंड नगर निकाय चुनाव 2025 में बीसी-1 को बीसी-2 से अधिक आरक्षण मिलेगा। आयोग ने जनसंख्या अनुपात के आधार पर 14% ओबीसी कोटा तय किया है।
Jharkhand Nagar Nikay Election रांची: झारखंड के 48 नगर निकाय सीटों पर होने वाले चुनाव में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (बीसी-1) को इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग (बीसी-2) की तुलना में अधिक आरक्षण मिलने जा रहा है।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, बीसी-1 और बीसी-2 को उनकी जनसंख्या के अनुपात के हिसाब से सीटें दी जाएंगी। इसका सीधा अर्थ है कि जिन नगर निगमों में बीसी-1 की आबादी अधिक है, वहां इस वर्ग को पार्षद और प्रमुख पदों पर ज्यादा आरक्षण मिलेगा।
राज्य के चार प्रमुख नगर निगम — रांची, धनबाद, चास और गिरिडीह — में बीसी-1 की जनसंख्या बीसी-2 की तुलना में लगभग दोगुनी या उससे भी अधिक पाई गई है। उदाहरण के तौर पर, रांची में बीसी-1 की आबादी 39.94% है जबकि बीसी-2 की केवल 24.89%।
धनबाद में यह अनुपात 50.54% बनाम 33.90% है। यही स्थिति गिरिडीह और चास में भी देखी जा रही है।
Key Highlights:
झारखंड में 48 नगर निकाय सीटों पर बीसी-1 वर्ग को बीसी-2 की तुलना में अधिक आरक्षण
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने जनसंख्या अनुपात के आधार पर आरक्षण का फार्मूला तय किया
बीसी-1 के अंतर्गत 113 जातियां और बीसी-2 में 33 जातियां सूचीबद्ध
कुल ओबीसी आरक्षण 14% रहेगा, जबकि एससी-एसटी समेत कुल आरक्षण सीमा 50% से अधिक नहीं
रांची, धनबाद, चास और गिरिडीह जैसे बड़े नगर निगमों में बीसी-1 की जनसंख्या दोगुनी
Jharkhand Nagar Nikay Election: आरक्षण का गणित:
राज्य में कुल ओबीसी आरक्षण 14% तय है — जिसमें बीसी-1 को 8% और बीसी-2 को 6% आरक्षण प्राप्त है।
इसके अलावा, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को आरक्षण देने के बाद शेष पदों में ओबीसी को हिस्सेदारी दी जाएगी।
महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी नगर क्षेत्र में यदि किसी वर्ग की जनसंख्या 1% से कम है, तो उसे आरक्षण नहीं दिया जाएगा। यह प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप, ‘ट्रिपल टेस्ट’ प्रक्रिया पूरी करने के बाद लागू किया जा रहा है।
नगर निगमों में OBC जनसंख्या (औसत प्रतिशत):
| श्रेणी | बीसी-1 (%) | बीसी-2 (%) | कुल ओबीसी (%) |
|---|---|---|---|
| रांची | 39.94 | 24.89 | 65.24 |
| धनबाद | 50.54 | 33.90 | 84.44 |
| गिरिडीह | 37.51 | 13.03 | 50.54 |
| चास | 33.90 | 17.28 | 52.54 |
नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्रों में औसतन ओबीसी जनसंख्या 50% से अधिक है, जिससे इन क्षेत्रों में पिछड़े वर्गों की राजनीतिक हिस्सेदारी और प्रभाव दोनों बढ़ेंगे।
Jharkhand Nagar Nikay Election: राजनीतिक असर
बीसी-1 वर्ग के लिए यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है।
धनबाद और गिरिडीह जैसे शहरों में जहां बीसी-1 की जनसंख्या मजबूत है, वहां इस वर्ग के प्रतिनिधियों के लिए वार्डों और अध्यक्ष पदों पर अधिक सीटें आरक्षित होंगी।
रांची जैसे मिश्रित जनसंख्या वाले शहरों में भी बीसी-1 की संख्या बीसी-2 से करीब दोगुनी है, जिससे इनकी राजनीतिक स्थिति और सशक्त होगी।
Jharkhand Nagar Nikay Election:
झारखंड में नगर निकाय चुनावों से पहले आरक्षण का यह नया फार्मूला राज्य की स्थानीय राजनीति का समीकरण बदल सकता है। बीसी-1 की बढ़ी हुई हिस्सेदारी न केवल स्थानीय नेतृत्व के स्वरूप को प्रभावित करेगी, बल्कि ओबीसी राजनीति के भीतर संतुलन का नया अध्याय भी खोलेगी।
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