रांची में एटीएम फ्रॉड का बढ़ता खतरा: पंडरा व बनहोरा में कार्ड बदलकर और पर्स चोरी से 24,000 व 20,000 की अवैध निकासी। जानिए बचाव के आसान कदम व पुलिस की सलाह।
ATM Fraud रांची: राजधानी के अलग-अलग इलाकों में एटीएम अपराधियों की गतिविधियों ने फिर चिंता बढ़ा दी है। पंडरा ओपी क्षेत्र व चेशायर होम रोड में हालिया घटनाओं में दो महिलाओं के खातों से अनुचित रूप से पैसे निकाले गए। पुलिस ने दोनों मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ATM Fraud :पंडरा मामला कार्ड बदलकर 24 हजार की निकासी
बनहोरा निवासी रानी देवी ने बुधवार को पंडरा ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई। रानी देवी ने शिकायत में बताया कि वह बाजार समिति के पास स्थित एसबीआई के एटीएम पर पैसे निकालने गई थीं। एटीएम से निकलते समय पास ही खड़े एक व्यक्ति ने कहा कि उनका ट्रांजेक्शन कैंसिल नहीं हुआ है और उन्हें रोका।
आरोपी ने कार्ड मशीन में उनका कार्ड फिर से डालने को कहा और पिन डालने के लिए कह दिया। पीड़िता ने पिन डालते समय आरोपी को देखकर नहीं समझी कि उसकी मंशा क्या है। उसी दौरान आरोपी ने झांसे में लेकर कार्ड बदल दिया। कार्ड बदलने का उन्हें तब तक पता ही नहीं चला जब तक कि आरोपी ने दूसरे स्थान से पैसा नहीं निकाल लिया और ट्रांजेक्शन मैसेज पीड़िता के पति के मोबाइल पर नहीं पहुंचा। संपर्क करने पर पता चला कि होटल में या बगल के एटीएम से 24,000 रुपए की अवैध निकासी हो चुकी थी। पीड़िता ने तुरंत पंडरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
Key Highlights
पंडरा ओपी क्षेत्र में बनहोरा की रानी देवी के खाते से कार्ड बदलकर 24,000 रुपए की अवैध निकासी हुई।
चेशायर होम रोड निवासी अंजना मिश्रा के चोरी हुए पर्स से कार्ड इस्तेमाल कर 20,000 रुपए नोकिया निकाले गए।
दोनों पीड़िताओं ने संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज करवाई; पुलिस जांच में जुटी है।
क्राइम में कार्ड बदलने और पिन देख लेने की तरकीबों का इस्तेमाल हुआ; पर्स/कार्ड कवर पर पिन लिखने से नुकसान बढ़ता है।
पुलिस और बैंक की सलाह: कार्ड खोने या संदिग्ध ट्रांजेक्शन पर तुरंत बैंक और पुलिस को सूचित करें।
ATM Fraud चोरी हुए पर्स से 20 हजार की निकासी
दूसरा मामला चेशायर होम रोड की अंजना मिश्रा का है। उनके पर्स की चोरी 18 अक्टूबर को बूटी मोड़ चौक के पास हुई थी। पर्स में एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाईसेंस सहित अन्य कागजात थे। बाद में पता चला कि एटीएम कार्ड के कवर पर पिन भी लिख हुआ था। अपराधियों ने पर्स चोरी करने के बाद एटीएम कार्ड का उपयोग कर दो बार में कुल 20,000 रुपए निकाल लिए। घटना का पता चलते ही अंजना की ओर से उनके बेटे प्रेम प्रतीक ने सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई। पुलिस ने दोनों मामलों में सीसीटीवी फुटेज और ट्रांजेक्शन हिस्ट्री की मदद से आरोपियों की पहचान करने की कोशिश तेज कर दी है।
पुलिस व बैंक की सलाह — क्या करें और क्या न करें
पुलिस ने नागरिकों से कई सावधानियां बताई हैं ताकि वे ATM Fraud और अन्य बैंकिंग धोखाधड़ी से बच सकें:
अपने एटीएम पिन को कभी पर्स या कार्ड के कवर पर लिखकर न रखें।
एटीएम मशीन पर पिन डाले समय हमेशा हाथ से ढककर पिन डालें और किसी से मदद लेने से पहले उस व्यक्ति की पहचान कर लें।
यदि कोई अनजान व्यक्ति ट्रांजेक्शन रद्द होने का कहकर आपको रोकता है, तो तत्काल मशीन से दूरी बनाएं और बैंक ब्रांच या एटीएम कैबिन में मौजूद सुरक्षा कर्मी को सूचित करें।
पर्स चोरी होने पर तुरंत बैंक को कॉल करके कार्ड ब्लॉक कराएं और संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएं।
किसी भी अज्ञात लिंक या संदिग्ध मैसेज पर क्लिक न करें; ओटीपी और बैंक डिटेल्स किसी को साझा न करें।
अनचाही कॉल से सावधान रहें; बैंक कभी भी पिन या ओटीपी फोन पर नहीं पूछता।
धोखाधड़ी का शिकार होने पर 1930 पर साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज करें।
ATM Fraud
पुलिस ने दोहराकर कहा है कि कार्ड के कवर पर पिन लिखने की आदत तुरंत तौले। कार्ड खोने या पर्स चोरी होने की स्थिति में अपराधी कवर पर लिखे पिन का उपयोग कर आसानी से पैसे निकाल लेते हैं। इसलिए पिन को याद रखें और किसी भी कागज या कार्ड के साथ उसे जोड़कर न रखें। वहीं बैंक भी खाताधारकों से अनुरोध कर रही है कि वे मोबाइल बैंकिंग में अलर्ट और ट्रांजेक्शन नोटिफिकेशन चालू रखें ताकि किसी भी संदिग्ध ट्रांजेक्शन का तुरंत पता चल सके।
ATM Fraud
दोनों शिकायतों के बाद पंडरा ओपी व सदर थाने ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। स्थानीय पुलिस सूत्रों के अनुसार सीसीटीवी फुटेज, ट्रांजेक्शन लोकेशन और मोबाइल नंबर ट्रेस कर आरोपियों की पहचान की जाएगी। साथ ही बैंक के साथ समन्वय कर संदिग्ध ट्रांजेक्शन के वाहक खातों पर भी तलाशी चलेगी।
ATM Fraud
रांची में बढ़ती ATM Frauds और ATM Security से जुड़ी घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बैंकिंग सुरक्षा केवल बैंक की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर खाताधारक की सतर्कता पर भी निर्भर करती है। छोटे-छोटे सावधानी के कदम जैसे पिन को सुरक्षित रखना, एटीएम पर पिन छिपाकर भरना और संदिग्ध व्यवहार पर तुरंत रिपोर्ट करना बड़े नुकसानों से बचा सकता है। अगर आप या आपका कोई परिचित इस तरह की घटना का शिकार हुआ है तो तुरंत बैंक और पुलिस को सूचित करें और साइबर शिकायत नंबर 1930 पर मदद लें।
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