सोनपुर मेला : उमड़ने लगी सैलानियों की भीड़, मीना बाजार से लेकर लोकगीतों की धुन तक, पूरा मेला कला प्रेमियों से सराबोर हो उठा
22 Scope News Desk : ठंढ की बढ़ती सिहरन और चुनावी उठापटक के बाद अब सोनपुर मेला में दर्शकों का आना शुरू हो गया है। हर तरफ से मेला देखने आने वालों का हुजूम देखने को मिल रहा है।

वहीं दर्शकों के लिये मेला पूरी तरह सज कर तैयार है। कभी रंग बिरंगी चिड़ियों और हाथियों से गुलजार रहने वाला मेला अब प्रशासन की कड़ाई से उजड़ चुका है। मेले की शान अभी घोड़ा बाजार, पशु बाजार बना है। एक से एक नस्ल के दुधारू गाय और भैस से मेला परिसर सज चुका है। वहीं घोड़ा बाजार में अलग ही रौनक है।

परिहार का घोड़ा बना आकर्षण का केन्द्र
सीतामढ़ी के परिहार से आया ‘जांबाज’ दर्शकों के आकर्षण और जोश का केन्द्र बना है। लोग इसके रफ्तार के दिवाने हुये जा रहे हैं और इस पर सवारी करने की हसरत भरी नजरों ने देख रहे हैं। बिहार और यूपी में 40 से अधिक रेस जीत चुके 172 सेंटीमीटर लंबाई वाले इस घोड़े की कीमत 25 लाख रखी गई है।
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मीना बाजार, लोहा बाजार, लड़की बाजार सज कर तैयार
मेले में राज्य के अनेक जगहों से कारोबारी पहुँच चुके हैं। लकड़ी बाजार में एक से एक हस्त निर्मित और मशीन से बनी चीजें खऱीददारों को अपनी ओर खींच रहे है। वहीं मीना बाजार भी सज चुका है। बाजार रंग बिरंगे कंबल, ऊनी कपड़े और शॉल से पटा है।
समा-चकेवा, पारंपरिक विवाह नृत्य का आयोजन
मेले के सांस्कृतिक मंच पर कलाकारों की ओर से समा-चकेवा, पारंपरिक विवाद नृत्य, जट-जटिन, झिझिया आदि के गाने प्रस्तुत किये हैं। वहीं दूसरी तरफ दूर बजते भोजपुरी लोक गीतों की तान भी दर्शकों को अपनी ओर खींच ले जाती है। जब जब पियवाके गोरिया ध्यान धरेली….. आपन चुड़ी गिन गिन के बिहान करेली…जैसे गानों से पुरा मेला परिसर तालियों से गूंज उठा।
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