Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट ने जीएसटी (GST) घोटाले में फंसे शिवकुमार देवड़ा और मोहित देवड़ा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने यह आदेश सुनाया। अदालत ने कहा कि इस स्तर के आर्थिक अपराध में जमानत नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह गंभीर वित्तीय अनियमितता से जुड़ा मामला है।
ईडी ने पेश किए ठोस सबूत:
सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत में बताया कि दोनों आरोपितों के खिलाफ मजबूत प्रमाण मिले हैं।
ईडी के मुताबिक, यह एक शेल कंपनियों के जरिए किया गया फर्जी जीएसटी (GST) एंट्री घोटाला है, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।
800 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप:
मामले की जांच में सामने आया कि आरोपितों ने 14,325 करोड़ रुपये के फर्जी चालान तैयार किए। इन चालानों के आधार पर 800 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी जीएसटी (GST) क्रेडिट का दावा किया गया। इससे केंद्र और राज्य सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ।
चार से अधिक गिरफ्तारी, जांच जारी:
ईडी अब तक इस केस में चार प्रमुख आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है-
- शिवकुमार देवड़ा
- मोहित देवड़ा
- जमशेदपुर के कारोबारी विक्की भालोटिया
- कोलकाता के कारोबारी अमित गुप्ता
इसके अलावा, अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
फर्जी कंपनियों के जरिए किया गया लेनदेन:
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार आरोपितों ने कई शेल कंपनियों के नाम पर फर्जी बिलिंग और जीएसटी (GST) क्रेडिट का खेल रचा। इन कंपनियों का कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं था, बल्कि केवल कागजों पर लेनदेन दिखाकर टैक्स लाभ उठाया गया।
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