Hazaribagh: जिले में शिक्षा व्यवस्था की वास्तविक तस्वीर एक बार फिर सामने आई है। जिला मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर दूर ईचाक प्रखंड के करियातपुर गांव में संचालित राजकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है। दो दशक पहले बना यह सरकारी स्कूल भवन अब पूरी तरह से जर्जर हो गया है और इसके बावजूद यहां करीब 72 छात्राएं रोजाना जोखिम उठाकर पढ़ाई कर रही हैं।
क्लास में बैठते ही गिरता है प्लास्टर:
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं का कहना है कि पढ़ाई के दौरान अक्सर छत से प्लास्टर गिरता रहता है। बच्चों में यह भय बना रहता है कि कहीं अचानक दीवार या छत ढह न जाए। डर के माहौल में पढ़ना न केवल कठिन है, बल्कि हर दिन यह खतरा उनके भविष्य और जीवन दोनों पर भारी पड़ रहा है।
शिक्षक ने दी जानकारी, पर कार्रवाई नहींः
स्कूल के सहायक शिक्षक लक्ष्मण कुमार ने बताया कि स्कूल भवन काफी जर्जर है। उन्होंने इस गंभीर समस्या को लेकर जिले के उप विकास आयुक्त को पत्र लिखकर अविलंब मरम्मत की मांग की थी, लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने स्थल निरीक्षण तक नहीं किया।
पंचायत प्रतिनिधियों ने उठाई आवाजः
करियातपुर पंचायत के मुखिया मोदी कुमार और उप-मुखिया दीपक कुमार ने स्वीकार किया कि विद्यालय की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने बताया कि कई बार अधिकारी स्तर पर शिकायत की गई है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला है। अभिभावकों के अनुसार, बच्चों को चोट लगने की घटनाएं भी सामने आई हैं, बावजूद इसके प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े करती है।
कब जागेगा प्रशासन?
सरकार और विभागों के दावों के विपरीत इस सरकारी स्कूल की बदहाल स्थिति यह सवाल उठाती है कि जब शिक्षा भवन ही सुरक्षित न हो तो बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा? विद्यालय की जर्जर स्थिति किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
रिपोर्टः शशांक शेखर
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